सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी की अध्यक्षता में विकास एवं बाढ़ नियंत्रण कार्यों की व्यापक समीक्षा बैठक हुई
पवन शर्मा
चंडीगढ़ ।तोशाम इलाके में बाढ़ से उत्पन्न समस्याओं के स्थायी समाधान तथा क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर हरियाणा सरकार पूरी तरह गंभीर नजर आ रही है। इसी कड़ी में आज हरियाणा के सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिंचाई विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तथा लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़क) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि तोशाम क्षेत्र की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि यहां बाढ़ के पानी की प्राकृतिक निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वर्षा अथवा बाढ़ के दौरान जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। बाढ़ का पानी मुख्य रूप से भिवानी–झज्जर ड्रेन के माध्यम से बाहर निकाला जाता है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्ष 2024 के दौरान तोशाम ब्लॉक का कोई भी गांव बाढ़ से प्रभावित नहीं हुआ था, जो प्रशासनिक तैयारियों और समय पर किए गए कार्यों का परिणाम रहा। हालांकि वर्ष 2025 में 9 सितंबर तक 10 गांवों की लगभग 3,525 एकड़ कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आई, जहां 2 से 2.5 फीट तक जलभराव की स्थिति बनी रही।
सिंचाई विभाग द्वारा लगातार किए गए प्रयासों के चलते बाढ़ के पानी को अधिकतर प्रभावित क्षेत्रों से निकाल दिया गया है। 12 दिसंबर 2025 तक केवल तीन गांवों में कुल 65 एकड़ भूमि प्रभावित रही। इनमें गांव रिवासा में 5 एकड़, गांव
दाग कला में 20 एकड़ तथा गांव सांगवान में 40 एकड़ भूमि शामिल है। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि शेष बाढ़ का पानी भी 13 दिसंबर 2025 तक पूरी तरह निकाल दिया जाएगा।
बैठक में यह भी बताया गया कि अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 की अवधि के दौरान तोशाम खंड के डांग कला, भागनगढ़, मनसरवास , सिमलीवास, लेघा मानान, लोहानी , ढाणी शंकर, लहलााना, गोलागढ़, आसलवास, जूई खुर्द सहित अनेक गांवों में बाढ़ नियंत्रण से जुड़े विभिन्न कार्यों पर लगभग 19.05 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। इसके अतिरिक्त जूई कला, जूई बिचली, चंदावास, ढांगर, ढाब ढाणी, बिजलीनावास, कैरू , खापड़वास, बापोड़ा एवं आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ से संबंधित कार्यों पर 36.85 करोड़ रुपये व्यय किए गए।
लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि 155.90 करोड़ रुपये की लागत से संबंधित 61 विकास कार्यों में से 42 कार्य पूरे किए जा चुके हैं। शेष कार्यों को 31 मार्च 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा, जबकि 6 नए विकास कार्य अगले वर्ष प्रारंभ किए जाएंगे।
वहीं लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़क) के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर तेज गति से किया जा रहा है, ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में बाढ़ की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए स्थायी समाधान तैयार किए जाएं तथा सभी विकास एवं मरम्मत कार्यों को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए।
चंडीगढ़ ।तोशाम इलाके में बाढ़ से उत्पन्न समस्याओं के स्थायी समाधान तथा क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर हरियाणा सरकार पूरी तरह गंभीर नजर आ रही है। इसी कड़ी में आज हरियाणा के सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिंचाई विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तथा लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़क) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि तोशाम क्षेत्र की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि यहां बाढ़ के पानी की प्राकृतिक निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वर्षा अथवा बाढ़ के दौरान जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। बाढ़ का पानी मुख्य रूप से भिवानी–झज्जर ड्रेन के माध्यम से बाहर निकाला जाता है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्ष 2024 के दौरान तोशाम ब्लॉक का कोई भी गांव बाढ़ से प्रभावित नहीं हुआ था, जो प्रशासनिक तैयारियों और समय पर किए गए कार्यों का परिणाम रहा। हालांकि वर्ष 2025 में 9 सितंबर तक 10 गांवों की लगभग 3,525 एकड़ कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आई, जहां 2 से 2.5 फीट तक जलभराव की स्थिति बनी रही।
सिंचाई विभाग द्वारा लगातार किए गए प्रयासों के चलते बाढ़ के पानी को अधिकतर प्रभावित क्षेत्रों से निकाल दिया गया है। 12 दिसंबर 2025 तक केवल तीन गांवों में कुल 65 एकड़ भूमि प्रभावित रही। इनमें गांव रिवासा में 5 एकड़, गांव
दाग कला में 20 एकड़ तथा गांव सांगवान में 40 एकड़ भूमि शामिल है। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि शेष बाढ़ का पानी भी 13 दिसंबर 2025 तक पूरी तरह निकाल दिया जाएगा।
बैठक में यह भी बताया गया कि अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 की अवधि के दौरान तोशाम खंड के डांग कला, भागनगढ़, मनसरवास , सिमलीवास, लेघा मानान, लोहानी , ढाणी शंकर, लहलााना, गोलागढ़, आसलवास, जूई खुर्द सहित अनेक गांवों में बाढ़ नियंत्रण से जुड़े विभिन्न कार्यों पर लगभग 19.05 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। इसके अतिरिक्त जूई कला, जूई बिचली, चंदावास, ढांगर, ढाब ढाणी, बिजलीनावास, कैरू , खापड़वास, बापोड़ा एवं आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ से संबंधित कार्यों पर 36.85 करोड़ रुपये व्यय किए गए।
लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि 155.90 करोड़ रुपये की लागत से संबंधित 61 विकास कार्यों में से 42 कार्य पूरे किए जा चुके हैं। शेष कार्यों को 31 मार्च 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा, जबकि 6 नए विकास कार्य अगले वर्ष प्रारंभ किए जाएंगे।
वहीं लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़क) के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर तेज गति से किया जा रहा है, ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में बाढ़ की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए स्थायी समाधान तैयार किए जाएं तथा सभी विकास एवं मरम्मत कार्यों को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए।


