Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी आज, जानें पूजा विधि और उपवास का सही तरीका

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Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी आज, जानें पूजा विधि और उपवास का सही तरीका
Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी आज, जानें पूजा विधि और उपवास का सही तरीका

आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है
Utpanna Ekadashi, (आज समाज), नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार, हर साल मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 15 नवंबर यानी की आज किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की और माता तुलसी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। लेकिन कई बार लोगों को समझ नहीं आता कि पूजा कैसे करें, चरण कौन-कौन से होते हैं या उपवास में क्या ध्यान रखना चाहिए। इसी बात को सरल और साफ तरीके से समझाने के लिए नीचे पूरी पूजा विधि लिखी गई है।

व्रत और पूजा विधि

  • उत्पन्ना एकादशी की शुरूआत सुबह जल्दी उठकर की जाती है। नहाने से पहले घर में हल्की सफाई कर लेना अच्छा माना जाता है। कोशिश करें कि माहौल शांत हो, टेंशन वाला माहौल न हो। नहाने के बाद साफ और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
  • घर में एक साफ जगह चुनें जहां रोज पूजा होती है या आज के दिन के लिए अलग से एक छोटा स्थान बना लें। वहां पर एक छोटा सा लकड़ी का पाट या चौकी रखें। उस पर साफ कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। साथ में तुलसी का पौधा हो तो और अच्छा है, क्योंकि इस दिन तुलसी का खास महत्व माना जाता है।
  • पूजा शुरू करने से पहले दीप जलाएं। तेल या घी दोनों में से किसी का भी उपयोग किया जा सकता है। धूप-बत्ती लगाकर वातावरण को शांत और सुगंधित बना लें। इससे मन पूजा पर फोकस होता है।
  • भगवान विष्णु के सामने तांबे या पीतल के लोटे में रखा पानी चढ़ाएं। साथ में पीले या सफेद फूल रखें। बहुत ज्यादा चीजें रखना जरूरी नहीं है; भावना मायने रखती है।
  • लंबे या कठिन मंत्र पढ़ना जरूरी नहीं है। आप चाहें तो बस ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप कर सकते हैं। इसे 11, 21 या जितनी बार आपका मन करे, उतनी बार बोलें। इसी तरह, आप मन ही मन अपनी परेशानियों, इच्छाओं और अच्छी सोच को भगवान के सामने रख सकते हैं।
  • इस दिन तुलसी को जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। बस हल्का सा पानी डालें और एक दिया जलाकर रखें। तुलसी के चारों ओर घुमाने की भी परंपरा है, लेकिन यह आपकी सुविधा पर निर्भर है।
  • उपवास का तरीका व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। कोई सिर्फ पानी पीकर रहता है, कोई फल या हल्का भोजन लेता है। जरूरी बात है तनाव न लें और शरीर की क्षमता के अनुसार उपवास रखें। दिनभर साफ सोच रखने की कोशिश करें। नकारात्मक बातें, झगड़ा या क्रोध से जितना दूर रहेंगे, उतना अच्छा अनुभव मिलेगा।
  • शाम को फिर से दीप जलाकर भगवान विष्णु को प्रणाम करें। चाहें तो छोटी आरती कर लें। दिनभर की थकान के बाद यह पल काफी सुकून देता है।
  • एकादशी का उपवास अगले दिन सूर्योदय के बाद हल्का भोजन लेकर खोला जाता है। इसे पारण कहते हैं। कोशिश करें कि पारण के समय मन शांत रहे और भोजन भी हल्का हो।