मासिक शिवरात्रि व्रत करने से सुख-शांति, आरोग्य और मनोकामना पूर्ति का मिलता है आशीर्वाद
Masik Shivratri, (आज समाज), नई दिल्ली: हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि व्रत किया जाता है, जो कि भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित होता है। मार्गशीर्ष मास की शिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। यह दिन भोलेनाथ की कृपा पाने का उत्तम अवसर माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मासिक शिवरात्रि व्रत करने से सुख-शांति, आरोग्य और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। आइए जान लेते हैं मार्गशीर्ष शिवरात्रि पूजा का टाइम और विधि।
निशिता काल की पूजा का विशेष महत्व
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 18 नवंबर 2025, मंगलवार यानी की आज मनाई जाएगी। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 18 नवंबर को सुबह 7:12 बजे शुरू होगी और 19 नवंबर को सुबह 9:43 बजे समाप्त होगी। इस तिथि पर रात के समय (निशिता काल) की पूजा का विशेष महत्व है, इसलिए व्रत 18 नवंबर को रखा जाएगा।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा शुरू करने से पहले व्रत और पूजा का संकल्प लें।
- एक चौकी पर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
- शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी से अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, पुष्प आदि चीजें चढ़ाएं।
- धूप-दीप जलाएं और सफेद मिठाई या कोई अन्य भोग लगाएं।
- इसके बाद समस्त शिव परिवार की पूजा एक साथ करें।
- मासिक शिवरात्रि व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
- अंत में ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए आरती करें।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव की कृपा पाने, पापों से मुक्ति और जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए रखा जाता है। अविवाहित कन्याएं अच्छे वर के लिए, विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए, वहीं पुरुष मानसिक शांति और करियर में उन्नति के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत करते हैं।
मासिक शिवरात्रि पर क्या करें
- धन प्राप्ति के लिए: धन की कमी दूर करने के लिए मासिक शिवरात्रि पर तीन मुखी रुद्राक्ष को पीले चंदन से लेपकर शिवलिंग के ठीक ऊपर चढ़ाएं और उसके ऊपर एक लोटा शुद्ध जल चढ़ाएं।
- मंगल दोष निवारण के लिए: मंगल दोष दूर करने के लिए मासिक शिवरात्रि पर गंगाजल में लाल फूल और लाल चंदन डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर भगवान के मंत्रों का जाप करें।
- पितृदोष निवारण के लिए: पितृ दोष दूर करने के लिए मासिक शिवरात्रि पर खड़े नमक के सात टुकड़े या एक चम्मच पिसा नमक झाड़ू पर सात बार घुमाकर घर के बाहर फेंक दें और पितरों का स्मरण करें।


