उपायुक्त के आदेश पर बीडीपीओ बाढड़ा की शक्तियां छीन्नी

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एसडीएम ने बाढड़ा उपमंडल क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों के खातों के लेनदेन पर रोक लगाई

आज समाज डिजिटल,बाढड़ा:

उपमंडल क्षेत्र के बाढड़ा व झोझू खंड की ग्राम पंचायतों की विकास योजनाओं में बरती गई गोलमाल को लेकर अब प्रशासन ने सख्त तेवर अपना लिए हैं। पौने दो करोड़ के बाढड़ा व सवा करोड़ के झोझूकलां खंड की ग्राम पंचायतों में बरती गई अनिमियतता व हुए वित्तिय नुकसान की पिछले ढाई माह से कछुआ चाल में चल रही जांच में नए उपायुक्त के आते ही गति तेज हो गई तथा उनसे सलाह मशवरा के बाद बाढड़ा उपमंडल अधिकारी ने दोनों खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायतों के खातों में लेनदेन पर रोक लगा दी है। दो दिन पूर्व ही मामला प्रकाशित कर पिछले उपायुक्त द्वारा बार बार जांच अधिकारी बदलने से जांच में आए ठंडापन पर नए उपायुक्त के फैसलें पर टिकी निगाहें के माध्यम से उनका ध्यान इस मामले की तरफ उठाया था जिस पर प्रशासन ने यह सख्त कदम उठाया है।

आरोपी की गिरफ्तारी न होने से सरकार की जांच पर लगा था सवालिया निशान

उपमंडल के बाढड़ा व झोझूकलां के दोनों खंड क्षेत्रों में पिछले डेढ साल में ग्राम पंचायतों के खातों में घटित हुई गबन की घटनाओं पर बाढड़ा व झोझु पुलिस ने ग्राम सचिव व अन्य के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, रिकार्ड में हेराफेरी व मनमर्जी के प्रस्ताव व चेकबुक प्रयोग कर लगभग तीन करोड़ की भारीभरकम धनराशि की चपत लबाने के मामले में भले ही चार जांच कमेटियां काम में जुटी हो लेकिन मामला दर्ज होने के ढाई माह बाद भी एक भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने से सरकार की पाकसाफ जांच पर सवालिया निशान लग गया था जिसको लेकर आमजन में जांच को लेकर असमंजस के हालात बने हुए हैं। इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद उपमंडल के औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे उपायुक्त श्यामलाल पूनिया ने  एसडीएम डा. संजय कुमार से विकास योजनाओं पर संवाद करते हुए उन्होंने कस्बे को ग्राम पंचायत से नगरपालिका में अपग्रेड होने के बाद यहां पर नए शहर के तौर पर पेयजल, सीवरेज, रिंग रोड़ जैसे कार्यो पर विशेष ध्यान देने का संवाद किया।

एसडीएम ने जांच दौरान नामजद फर्माे से लगभग सवा करोड़ की राशि की वसूल

इसी दौरान विकास योजनाओं में बरती गई धांधली का मुद्दा भी उठा जिसमें एसडीएम ने जांच के दौरान नामजद फर्मो से लगभग सवा करोड़ की राशि वसूल करने में कामयाबी व फिर अचानक ही पिछले उपायुक्त द्वारा उससे भी जांच छिन कर जिला परिषद सीईओ भिवानी को सौंप दी जिससे अब जांच भी ठंडे बस्ते में जाती नजर आने पर बातचीत होने की संभावना  है। डीसी श्यामलाल पूनिया ने एसडीएम को विकास योजना में एक भी पैसे के भ्रष्टाचार को सहन नहीं करने का सख्त दिशानिर्देश देते हुए हरसंभव फैसला लेने की स्वीकृति दी तो एसडीएम ने 13 मई को विशेष पत्र जारी कर ग्राम पंचायतों के खातों में आगामी चुनाव तक किसी तरह की धननिकासी न करने का आदेश जारी किया है जिसे जल्द ही सभी ग्राम सचिवों, बैंक शाखाओं के पास भेज दिया जाएगा। एसडीएम डा. संजय कुमार ने कहा कि उपमंडल में विकास योजनाओं में किसी तरह का भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। बीडीपीओ कार्यालय, तहसील व पुलिस स्टेशन में समय समय पर औचक अभियान शुरु किया जाएगा।

फर्जी चेक से होती रही अलग अलग पंचायतों के खातों से धन निकासी

गौरतलब होगा कि बाढड़ा खंड के 50 गांवों में से लगभग डेढ दर्जन से अधिक गांवों  की विकास योजनाओं में बीडीपीओ कार्यालय के कर्मचारी धरातल पर सामग्री लगाने की जगह केवल खाली प्रस्ताव तैयार करके फर्जी चेक से मनमाने खातों में पैसे भेजकर कर्मचारी रातदिन सरकारी कोष को चूना लगा रहे हैं। इस मामले में दो बीडीपीओ के ब्यान पर पुलिस दो बार अलग अलग आपराधिक षडयंत्र रचने, रिकार्ड को खुर्द बुर्द करने व धोखाधड़ी कर पैसे को हड़पने का मामला दर्ज कर चुकी है तथा प्रथम दृष्टया एक ही ग्राम सचिव द्वारा बार बार फर्जी चेक जारी करने व एक से सवा साल बीतने के बाद मामले दर्ज होने के बाद पहले स्थानीय पुलिस व अब पुलिस की आर्थिक अपराध जांच शाखा चार कदम भी नहीं चल पाई है।

आईएएस श्यामलाल पूनिया पर सबकी नजरें टिकी

पुलिस ने पिछले डेढ माह पूर्व जांच से जुड़ा आधा अधूरा रिकार्ड बरामद किया तो पुलिस अधिक्षक कार्यालय के आदेशानुसार बाढड़ा के डीएसपी देशराज की अगुवाई में विभाग के आर्थिक शाखा प्रभारी इंस्पेक्टर कप्तान सिंह, थाना प्रभारी चंद्रशेखर व सहायक एसएचओ संदीप कुमार की चार सदस्यीय वाली विशेष जांच टीम को सारे रिकार्ड की जांच करने का दारोमदार आ गया जिस पर उन्होंने टीम के मुखिया के तौर पर कप्तान सिंह ने पंचायत विभाग, बैंक व फर्मो से शेष रिकार्ड को भी बरामद किया वहीं दूसरी तरफ उपायुक्त कार्यालय के आदेश पर बाढड़ा एसडीएम डा. संजय कुमार की अध्यक्षता में चल रही जांच की फाईनल रिपोर्ट भी अंतिम दौर में पहुंची और जांच अधिकारी ने फर्मो को सरकारी धनराशि की बरामदगी करवाने के लिए उनको पैसे जमा करवाने का आदेश दिया तो लगभग सवा करोड़ की बरामदगी भी हुई लेकिन इसी बीच बीडीपीओ के मांगपत्र पर डीसी ने अपने कार्यकाल के पूरा होने के एक सप्ताह पहले ही सारी जांच सीईओ भिवानी को करने का नया आदेश जारी कर दिया जिसके बाद सारी जांच कह रद्दी की टोकरी में डालती नजर आ रही है। जिले में पुराने उपायुक्त के सेवानिवृति के बाद पहुंचे युवा आईएएस श्यामलाल पूनिया पर सबकी नजरें टिकी हैं कि वह इस गोलमाल में बरती जा रही लापरवाही पर किस तरह का कदम उठाते हैं।

 

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