Shubhanshu Shukla Shared ISS Video, (आज समाज), नई दिल्ली: हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर जाकर लौटे दूसरे भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला ने एक बार फिर आईएसएस पर रहने के दौरान झेली चुनौतियों को साझा किया है। उन्होंने एक आश्चर्यजनक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने दिखाया कि आईएसस में रहते हुए खाना खाना भी बेहद चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने बताया कि वे वहां खाना कैसे खाते थे।
आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय
आईएसएस पर खाना खाना भी कितना जोखिम भरा है। बता दें कि शुभांशु आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। अपने 18 दिवसीय अंतरिक्ष मिशन के बाद अमेरिका से शुभांशु लौट आए हैं। उन्होंने एक्सिओम-4 चालक दल के सदस्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा किया।
अंतरिक्ष में भोजन, कभी नहीं सोचा था…
शुभांशु शुक्ला ने शून्य गुरुत्वाकर्षण में भोजन करते समय अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अपनाई जाने वाली दिनचर्या के बारे में बताया। उन्होंने लिखा, अंतरिक्ष में भोजन। कभी नहीं सोचा था कि मुझे दोबारा खाना सीखना पड़ेगा। यहां मैं बता रहा हूँ कि अंतरिक्ष में भोजन करते समय आदतें क्यों मायने रखती हैं। अगर आप सचेत नहीं हैं, तो आप आसानी से गड़बड़ी कर सकते हैं और आप ऐसा व्यक्ति नहीं बनना चाहेंगे।
भोजन को पचाने के लिए गुरुत्वाकर्षण की जरूरत नहीं
अंतरिक्ष यात्री ने लिखा, अंतरिक्ष में किसी भी चीज के लिए कारगर एक ठोस मंत्र धीमा ही तेज है’। उन्होंने कहा, एक और रोचक तथ्य यह है कि भोजन को पचाने के लिए हमें गुरुत्वाकर्षण की आवश्यकता नहीं होती है। उन्होंने बताया कि पेरिस्टलसिस’ नामक एक प्रक्रिया पाचन के लिए जिÞम्मेदार होती है, जो गुरुत्वाकर्षण से स्वतंत्र होती है। यह पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन को नीचे धकेलने के लिए मांसपेशियों का संकुचन और शिथिलन है। सिर ऊपर हो या सिर नीचे, गुरुत्वाकर्षण हो या न हो, आपका शरीर हमेशा भोजन पचाएगा।
जानें मजाक में क्या कह रहे शुभांशु
शुभांशु शुक्ला दिखाते हैं कि कैसे हर चीज वेल्क्रो से जुड़ी होती है ताकि वह तैरे नहीं। वीडियो में, वह कॉफी पीते हुए दिखाई देते हैं और उसका तरल पदार्थ तैरता रहता है। एक जगह वह मजाक में कहते हैं, अंतरिक्ष में आप पानी खा सकते हैं और अंतरिक्ष में भोजन पर अपने वीडियो का समापन करते हैं।
कैप्टन, अंतरिक्ष ने मुझे हमेशा प्रेरित किया
एक व्यक्ति ने लिखा, वाह, शुभांशु! आपको ज़ीरो-जी में भोजन करने की कला में निपुण होते देखना अविश्वसनीय है। टेस्ट पायलट से लेकर एक अंतरिक्ष विशेषज्ञ तक, आपने हमें दिखाया है कि सही सोच के साथ, सबसे साधारण काम भी एक वैज्ञानिक साहसिक कार्य बन जाते हैं। व्यक्ति ने लिखा, आपकी अंतर्दृष्टि आपकी यात्रा जितनी ही प्रेरणादायक है! हम सब आपके लिए प्रार्थना करते हैं। एक अन्य ने लिखा, कैप्टन, अंतरिक्ष ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है, लेकिन आपकी भोजन प्रशिक्षण यात्रा मुझे और भी अधिक उत्साहित करती है। बहुत बढ़िया।
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