मुख्य आर्थिक सलाहकार ने रुपए के डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोरी पर जताई चिंता
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार आ रही गिरावट पर मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि इससे महंगाई और आयात पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि उन्होंने यह जरूर माना की विदेशों से सामान मंगवाने पर पहले से कुछ ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ेगी।
नागेश्वरन ने सीआईआई कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार रुपये में गिरावट को लेकर चिंतित नहीं है। उन्होंने कहा कि रुपये में गिरावट से महंगाई या निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। हालांकि, उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले वर्ष इसमें सुधार होगा।
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट जारी
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के बीच डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत लगातार गिरती जा रही है। पिछले कुछ समय से यह लगातार कमजोर हो रहा था। वहीं बुधवार को नया रिकॉर्ड उस समय बन गया जब रुपया 25 पैसे टूटकर अपने नए आॅल टाइम लॉ पर बंद हुआ। बुधवार को बाजार बंद होने के समय रुपया 90.21 पैसे पर था।
आरबीआई की मौद्रिक नीति की बैठक के दौरान गिरा रुपया
बुधवार की सुबह भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की दो महीने के अंतराल पर होने वाली बैठक बस शुरू होने वाली थी। इसी बीच एक ऐसी खबर आई जिस पर आरबीआई के साथ-साथ पूरे बाजार की नजर थम गई। रुपया पहली बार डॉलर के मुकाबले 90 का स्तर पार कर गया। रुपये में बीते आठ महीनों से गिरावट का दौर जारी है और अब यह अपने अब तक के नए निचले स्तर पर पहुंच गया। लंबी अवधि में स्थिर प्रकृति का रुपया पिछले एक वर्ष में ही 85 से 90 के स्तर के पार पहुंच गया। बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 25 पैसे गिरकर अपने नए आॅल टाइम लो 90.21 पर बंद हुआ।
भारतीय शेयर बाजार में भी हल्की गिरावट
विदेशी पूंजी की लगातार निकासी और निवेशकों की मुनाफावसूली के बीच बुधवार को शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी सीमित दायरे में कारोबार करते हुए गिरावट के साथ बंद हुए। लगातार चौथे दिन गिरावट के साथ 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 31.46 अंक या 0.04 प्रतिशत गिरकर 85,106.81 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 374.63 अंक या 0.44 प्रतिशत गिरकर 84,763.64 अंक पर आ गया था। वहीं 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 46.20 अंक या 0.18 प्रतिशत गिरकर 25,986 अंक पर आ गया। सेंसेक्स की कंपनियों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन, एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक, अडानी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और बजाज फिनसर्व प्रमुख रूप से पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे।


