Rohtak News नहरों के पानी को स्वच्छ रखने में निभाएं जिम्मेदारी : डॉ. ख्यालिया

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Rohtak News नहरों के पानी को स्वच्छ रखने में निभाएं जिम्मेदारी: डॉ. ख्यालिया

संजीव कौशिक, रोहतक: 

Rohtak News : हमारा शरीर 70 प्रतिशत जल से बना हुआ है। हमारे शरीर और जीवन की पूंजी जल, वायु और भोजन है। हमारे जीवन में अगर एक भी चीज ना रही तो हमारा जीवन संकट में पड़ सकता है। जल हमें प्रकृति से मिला है हमें इसका सम्मान करना चाहिए ना कि दूषित करना चाहिए।(Rohtak News) उक्त विचार जाट कॉलेज के प्राचार्य डॉ. महेश ख्यालिया ने व्यक्त किए। वे ‘सुनो नहरों की ओर’ मिशन के समर्थन में नहरों पर खड़े होकर लोगों को जागरूक कर रहे थे। इस दौरान ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के संयोजक डॉ. जसमेर सिंह व सहसंयोजक दीपक छारा, समाजसेवी एवं रक्तदाता अजय हुड्डा, शमशेर वत्स ने उनका स्वागत किया।

नहरों में किसी प्रकार का अपशिष्ट सामान न डालें

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डॉ. महेश ख्यालिया ने कहा शहर से गुजरने वाली जीवनदायिनी नहरों में लोगों द्वारा अपशिष्ट सामान डाला जा रहा है। जिससे इसका पानी प्रदूषित हो रहा है। (Rohtak News) वहीं सैकड़ों गांवों की उपजाऊ भूमि को सींचने और घरों में पहुंचने वाला पेयजल प्रदूषित हो रहा है। ऐसे में इसकी चपेट में आने वाले लोग भी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इन नहरों में किसी प्रकार का अपशिष्ट सामान न डालें और इसे स्वच्छ रखने में सभी सहयोग करें।

जल को दूषित होने से रोकना

ख्यालिया ने कहा कि लोगों को इन नहरों के जल को स्वच्छ रखने के बारे में विचार करना चाहिए और जल को दूषित होने से रोकना चाहिए ताकि आने वाले (Rohtak News) समय के लिए अपने बच्चों के लिए स्वच्छ जल बचा सकें । उन्होंने कहा कि पानी सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए हमें पानी को स्वच्छ रखने के लिए प्रयास करने चाहिए।

एक जीव के लिए जल का बहुत ही बड़ा महत्व है

सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के जसमेर सिंह ने कहा कि पृथ्वी पर हर एक जीव के लिए जल का बहुत ही बड़ा महत्व है। जीने के लिए जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। (Rohtak News) जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में ये दोनों नहरों रोहतक शहर के एक लाख से ज्यादा लोगों के लिए जीवनदायिनी है। इसके निर्मल पानी से लोगों का जीवन है। फिर भी लोग अंधविश्वास में इसके पानी को दूषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग इसमें पुराने कपड़े, पुरानी खंडित मूर्तियां, शीशे की मूर्तियां, टूटे गिलास, प्लास्टिक की थैलियां व अन्य पूजा-पाठ का सामान तक डालते हैं। उन्होंने लोगों से जीवनदायिनी नहरों के पानी स्वच्छ रखने की अपील की है और कहा कि वे अपने आसपास के लोगों को भी इन नहरों के पानी को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक करें।

ये लोग रहे उपस्थित

इस अवसर पर डॉ. सुशीला डबास, डॉ. शमशेर धनखड़, डॉ. जसमेर सिंह, दीपक छारा, मनीष नेहरा, अजय हुड्डा, शमशेर वत्स, जतिन, रोहित आदि उपस्थित रहे।

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