Rajasthan Heat Waves: श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस

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Rajasthan Heat Waves
Rajasthan Heat Waves: श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज

Rajasthan Ka Aaj Ka Mausam, (आज समाज), जयपुर: राजस्थान भीषण गर्मी के कारण बेहाल है। राज्य के श्रीगंगानगर में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जो एक नया रिकॉर्ड है। यह इस वर्ष अब तक पूरे देश में सर्वाधिक तापमान है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी ) ने पुष्टि की है कि श्री गंगानगर में 13 जून 2025 को दर्ज किया गया जो इस साल भारत में किसी भी स्टेशन द्वारा दर्ज किया गया सबसे अधिक अधिकतम तापमान है। इससे पहले श्रीगंगानगर में  एक जून 2018 को अधिकतम तापमान 49.1 डिग्री सेल्सियस का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था।

आज बारिश का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर भीषण गर्मी की स्थिति बनी रही। चुरू में पारा 47.6 डिग्री तक पहुंच गया, जबकि जैसलमेर में अधिकतम तापमान 46.9 डिग्री रहा। हालांकि, शुक्रवार को दोपहर में राज्य में कई जगह मौसम बदला, तेज हवाएं चलीं व आंधी के साथ हल्की बारिश भी हुई। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को झुंझुनूं, कोटपुतली-बहरोड़, भरतपुर और बारां आदि इलाकों में बारिश हुई है जिसके बाद मौसम सुहाना हो गया।

हल्की से मध्यम बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने आज कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। जयपुर, भरतपुर, बारां, झालावाड़ और सीकर जिलों में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, अलवर, चूरू, अजमेर, दौसा, करौली, धौलपुर और कोटा समेत कई इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है।

25 जून तक उत्तर-पश्चिम भारत को कवर कर सकता है मानसून

आईएमडी ने कहा कि इस सप्ताह फिर से गति पकड़ने वाला मानसून 25 जून तक दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों को कवर कर सकता है। अधिकारियों ने कहा कि अब मानसून के 18 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को कवर करने की संभावना है। आने वाले दिनों में 19 जून से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने की उम्मीद है।

आमतौर पर 1 जून को केरल में प्रवेश करता है मानसून

दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल में प्रवेश करता है और 11 जून को मुंबई पहुंचता है। यह 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।

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