केंद्रीय वित्त मंत्रालय में हुआ खुलासा, पंजाब में 37.62 लाख किसान मोटे कर्ज में फंसे
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब एक कृषि प्रधान प्रदेश है और इसकी आर्थिकी कहीं न कहीं कृषि के आसपास घूमती है। पंजाब का राष्टÑीय पूल में अन्न पैदा करने में अहम स्थान है। प्रदेश सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जाए। लेकिन इसी सब के बीच केंद्रीय वित्त मंत्रालय की एक अहम रिपोर्ट में ऐसे आंकड़ें सामने आए हैं जिसने सभी को हैरत में डाल दिया है। दरअसल इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे पंजाब का किसान कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है।
पंजाब के किसानों पर इतना कर्ज
रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाब में 37.62 लाख किसान कर्ज के बोझ के तले दबे हुए है। रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के किसानों पर 1,04,353 लाख करोड़ रुपये कर्ज है, जिसमें कमी आने की जगह बढ़ोतरी होती जा रही है। पंजाब की स्थिति पड़ोसी राज्यों से भी खराब है। हरियाणा के किसानों पर 99,026 लाख करोड़ कर्ज है, जबकि हिमाचल प्रदेश के किसानों पर 14,293 करोड़ और जम्मू एंड कश्मीर के किसानों पर 11,716 करोड़ रुपये का कर्ज है। मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कर्ज माफी को लेकर किसी भी प्रकार का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, जिसने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है।
यह भी है कर्ज का बोझ बढ़ने का कारण
पंजाब के किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ने का मुख्य कारण खेती की लागत में आ रही तेजी है। क्योंकि खेती में लगात बढ़ती जा रही है। इसके बदले में किसानों को उसका मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार ने खुद अपनी रिपोर्ट में भी इस बात को भी माना है, लेकिन बावजूद किसानों की हालत सुधारने के लिए प्रयास नहीं किए हैं। यही कारण है कि हम एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
छोटे किसान झेल रहे है कर्ज की मार
रिपोर्ट के अनुसार जिन किसान परिवारों के पास अधिक भूमि है, उनमें कर्ज के मामलों में कमी आई है। छोटे किसानों पर कर्ज में लगातार बढ़ता जा रहा है। खेती में लागत बढ़ती जा रही है, जिस कारण अपनी खराब वित्तीय हालत के कारण किसान कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं। पंजाब और हरियाणा के बार्डर पर एक साल से अधिक समय तक एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन भी चला। हालांकि उनकी यह मांगें पूरी नहीं हुई।