22 अगस्त से हरियाणा में बारिश की गतिविधियां में आएगी कमी
Haryana Weather Update, (आज समाज), चंडीगढ़: मौसम विभाग की ओर से आज हरियाणा के पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा प्रदेश के 10 जिलों में बादल छाए रहने व बूंदाबांदी होने का अनुमान भी जताया गया है। इनमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, रोहतक और जींद शामिल है।
वहीं, कुरूक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में 25 से 50 प्रतिशत व पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर में 50 से 75 प्रतिशत बारिश की संभावना है। हिसार और भिवानी में हल्की बरसात हो रही है। सोमवार को प्रदेश के सोनीपत, सिरसा, महेंद्रगढ़ जींद, झज्जर, कैथल आदि जिलों में बारिश हुई।
मौसम विभाग का कहना है कि हरियाणा में अगामी दो दिन मौसम साफ रहेगा। इसके बाद 22 अगस्त से पूरे प्रदेश में बारिश की गतिविधियां तेज होने और कई जिलों में बारिश होने का भी अनुमान जताया है।
यमुनानगर में सबसे ज्यादा, कैथल में सबसे कम हुई बारिश
हरियाणा में सबसे अधिक बारिश यमुनानगर में हुई है और यहां बरसात का आंकड़ा 800 एमएम के करीब पहुंच गया है। जबकि, सबसे कम बारिश कैथल में दर्ज की गई है। 18 अगस्त तक औसतन 295.1 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन प्रदेश में 332.5 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है।
इस सीजन सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में 799.5 और महेंद्रगढ़ में 562.0 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जबकि सबसे कम बारिश कैथल में 168.0 और जींद में 171.2 एमएम बारिश दर्ज हुई है।
खतरे के निशान के करीब मारकंडा नदी, बह रहा 27 हजार क्यूसिक पानी
हिमाचल में हुई बारिश के कारण मारकंडा नदी उफान पर है। कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। 27.6 फुट पर मारकंडा का खतरे का निशान है।
अभी मारकंडा में 27 हजार क्यूसिक पानी बह रहा है। इससे नदी से सटे गांवों में पानी घुस चुका है। कई गांव में तो घुटने तक पानी भरा है और आना-जाना भी दूभर है। साथ ही 5 हजार से ज्यादा एकड़ में खड़ी फसलें नष्ट हो चुकी हैं।
मांडेवाला जंगल में यमुना के पानी ने मचाई तबाही

भारी बारिश के कारण यमुना नदी के उफान ने कलेसर रेंज के संरक्षित जंगल मांडेवाला में भारी तबाही मचाई है। कटाव के कारण 10 एकड़ से अधिक जंगल जलमग्न हो चुका है और सैकड़ों खैर के पेड़-पौधे नदी में बह गए हैं। जंगल के पश्चिमी हिस्से में स्थित कोलीवाला गांव भी इस कटाव से खतरे में है।
ये भी पढ़ें : मुंबई में आफत की बारिश, सड़कों पर भरा कई फीट पानी