Delhi Pollution News : दिल्ली की हवा में बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर

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Delhi Pollution News : दिल्ली की हवा में बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर
Delhi Pollution News : दिल्ली की हवा में बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर

एक्यूआई चार सौ के करीब पहुंचा, आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना

Delhi Pollution News  (आज समाज), नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। हर साल की तरह इस बार भी जैसे-जैसे सर्दी की शुरुआत हो रही वैसे-वैसे दिल्ली प्रदूषण के चलते गैस चैंबर में तबदील होती जा रही है। दिल्ली सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी इसमें किसी तरह का सुधार नहीं हो पा रहा। नतीजा यह है कि बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में परेशानी हो रही है और सांस व खांसी के रोगियों की संख्या हर रोज बढ़ रही है।

लगातार बिगड़ रहा एक्यूआई

वाहन से होने वाला प्रदूषण 15.321 फीसदी रहा। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 361 दर्ज किया गया। यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें शुक्रवार की तुलना में 39 सूचकांक की वृद्धि दर्ज की गई। सुबह की शुरूआत धुंध और हल्के कोहरे से हुई। वहीं, आसमान में कुहासे के साथ स्मॉग की चादर भी दिखाई दी। इसके चलते दृश्यता भी सही रही। ऐसे में सफदरजंग एयरपोर्ट में सुबह 6:30 बजे 900 मीटर दृश्यता दर्ज की गई, जो उसके बाद सुधरकर आठ बजे 1200 मीटर हो गई। इस दौरान लोग मास्क पहने नजर आए।

यह भी है प्रदूषण बढ़ने का कारण

राजधानी में पहाड़ों से आ रही बफीर्ली ठंडी हवाओं व पराली का धुएं ने हवा को जहरीला बना दिया है। आबोहवा में मौजूद ठंडी हवा ने प्रदूषक कणों को हवा में घोल दिया हैं। इससे लोगों की सांसें उखड़ रही हैं। ऐसे में राजधानी की फिजा में पीएम 2.5 के प्रदूषित कण जहर घोलने का काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, हवा में पराली से होने वाला प्रदूषण 30.915 रहा। इसके अलावा रविवार को 31.246 फीसदी रहने की आशंका है।

अभी नहीं हैं राहत के आसार

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूवार्नुमान मंगलवार तक हवा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रहेगी। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 16 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम दिशा से हवाएं चली। इसके चलते प्रदूषण में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1500 मीटर रही।