PM Modi: जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा पहुंचे प्रधानमंत्री

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PM Modi: जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा पहुंचे प्रधानमंत्री

PM Modi Reaches Canada, (आज समाज), ओटावा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे के दूसरे पड़ाव में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा पहुंच गए हैं। एक दशक में उनकी कनाडा की यह पहली यात्रा है, जिसमें विश्व नेताओं के साथ ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

साइप्रस से सोमवार शाम कनाडा पहुंचे

पीएम कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर साइप्रस से सोमवार शाम (स्थानीय समय) कनाडा पहुंचे। कानानास्किस सभा जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री की लगातार छठी भागीदारी है। विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था, शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री जी-7 देशों के नेताओं, अन्य आमंत्रित आउटरीच देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, विशेष रूप से एआई-ऊर्जा संबंध और क्वांटम से संबंधित मुद्दों सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया के दौरे पर हैं प्रधानमंत्री 

भारतीय सशस्त्र बलों के ‘आपरेशन सिंदूर’ के एक महीने बाद पीएम मोदी तीन देशों साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया के दौरे पर गए हैं। बता दें कि आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगोें की हत्या कर दी थी और इसके प्रतिशोध में भारतीय सशस्त्र लों ने आपरेशन सिंदूर चलाया और इसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचों को नष्ट कर कई आतंकियों को मार गिराया था।

भारत-कनाडा के बीच रिश्ते सुधरने की उम्मीद

कार्नी द्वारा मोदी को जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित करना नई सरकार की नई दिल्ली के साथ संबंधों को सुधारने की मंशा का संकेत है, जो खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे।

निज्जर मामले में दोनों देशों के बीच आई थी खटास

पिछले साल अक्टूबर में, भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था, जब ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने का प्रयास किया था। भारत ने समान संख्या में कनाडाई राजनयिकों को भी निष्कासित किया था। भारत ने जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर कनाडा की धरती से खालिस्तानी समर्थक तत्वों को काम करने की अनुमति देने का आरोप लगाया था।

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