विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते
Pithori Amavasya, (आज समाज), नई दिल्ली: पिठोरी अमावस्या भाद्रपद अमावस्या का दूसरा नाम है। इस पवित्र दिन पर विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या का संबंध चंद्रमा से है। जो मन और भावनाओं का कारक होता है। इस शुभ दिन ध्यान, पूजा,जप-तप और दान करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
मान्यता है कि इस दिन पितरों का तृपर्ण, पूजन, श्राद्ध व पिंडदान करने से जीवन में सुख-समृद्धि व शांति आती है। पिठोरी अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त में पितृ पूजन व स्नान-दान करना पुण्यकारी माना गया है। मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में स्नान-दान करने से अच्छे फलों की प्राप्ति होती है।
दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से 3 बजकर 26 मिनट तक रहेगा विजय मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 26 मिनट से सुबह 5 बजकर 10 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से 3 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्य रात्रि रात में 12 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 6 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 15 मिनट तक।
राहुकाल
सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक राहुकाल रहेगा। सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 7 बजकर 31 मिनट से 9 बजकर 9 मिनट तक। दुमुर्हूर्त काल सुबह में 8 बजकर 30 मिनट से 9 बजकर 22 मिनट तक।
ये काम जरूर करें
पिठोरी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। लेकिन अगर आपके आसपास कोई नदी या तालाब नहीं है, तो ऐसे में आप घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इससे भी साधक पर पितरों की कृपा बनी रहती है।
पीपल के पेड़ की करें पूजा
पिठोरी अमावस्या के दिन आपको पीपल के पेड़ की पूजा जरूर करनी चाहिए और 7 बार इसकी परिक्रमा करनी चाहिए। पूजा के बाद आटे का चौमुखा दीपक बनाकर इसे पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल में काले तिल डालकर जलाएं। इस उपाय को करने से पितरों का आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है।
शिवलिंग पर तिल चढ़ाएं
पिठोरी अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त किसी ब्राह्मण को भोजन भी करवा सकते हैं। इससे आपको अत्यधिक पुण्यफलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही विधि-विधान से महादेव की पूजा करें और शिवलिंग पर तिल चढ़ाएं। इससे आपको पितृ दोष से राहत देखने को मिल सकती है।
इन मंत्रों का जप करें
पिठोरी अमावस्या के दिन पितृ चालीसा का पाठ भी जरूर करना चाहिए। इसके साथ ही आप इसम मंत्रों का जप भी कर सकते हैं
- 1. ऊं पितृभ्य: स्वधायिभ्य: स्वाहा
- 2. ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महामृत्युंजय धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात्
- 3. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
- 4. ऊं पितृ देवतायै नम:
- 5. ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च, नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:
क्या दान करें
- पका हुआ भोजन: चावल, दाल और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ जरूरतमंदों को वितरित किए जाते हैं।
- सूखा राशन: चावल, गेहूं, दाल, तेल और चीनी जैसी जरूरी चीजें दान करने से यह सुनिश्चित होता है कि परिवार अपना भोजन खुद बना सकें।
- कपड़े: नए या थोड़े पुराने कपड़ों की हमेशा मांग रहती है, खासकर सर्दियों में।
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