जानें इस महीने में क्या करें और क्या नहीं
Paush Month, (आज समाज), नई दिल्ली: पौष मास हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना होता है, जो मार्गशीर्ष के बाद आता है। इसके समाप्त होते ही माघ मास की शुरूआत हो जाती है। जब ग्रहों के देवता सूर्य देव अपनी चाल बदलते हैं यानी धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तब से पौष मास की शुरूआत मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पौष मास तप, दान, उपवास और सूर्य देव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। आइए जानें कि साल 2025 में पौष माह कब से शुरू होगा और इस महीने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पौष मास 2025 कब शुरू होगा?
साल 2025 में पौष मास की शुरूआत शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 को होने वाली है। वहीं, पौष मास का समापन शनिवार, 3 जनवरी 2026 को होगा। इस महीने का सबसे अधिक महत्व पौष पूर्णिमा के दिन माना जाता है, इसलिए लोग इस अवसर पर स्नान, पूजा और दान जैसे शुभ कार्य करते हैं।
पौष मास का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष महीना सूर्य देव की उपासना, धन और स्वास्थ्य की प्राप्ति और पितरों को प्रसन्न करने के लिए सबसे शुभ होता है। इस महीने में सूर्य की पूजा, दान-पुण्य और तीर्थ स्नान करने से आयु, स्वास्थ्य और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही, पौष मास में पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना भी शुभ माना जाता है।
पौष महीने में क्या करना चाहिए?
- पौष मास में पितरों की शांति के लिए पितृ-तर्पण और दान-पुण्य करें।
- पौष महीने में जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े, गुड़ और तिल का दान करें।
- पौष मास के दौरान मध्यरात्रि में साधना और अन्न व गर्म वस्त्रों का दान करें।
- पौष मास में रोज सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
- पौष महीने में रविवार के दिन व्रत रखें और व्रत का पारण सायंकाल मीठे भोजन के साथ करें।
पौष के महीने में क्या नहीं करना चाहिए?
- पौस के महीने में शादी, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।
- पौष मास में तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा, मूली, बैंगन और फूलगोभी से परहेज करना चाहिए।
- पौष के महीने में नकारात्मक विचार व बुरे वचन रखने से बचना चाहिए।
- पौष मास में सूर्य धनु राशि में रहते हैं, जिससे खरमास चलता है। इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य शुभ फल नहीं देते है।
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