मनुष्य अपनी बनाई मूर्तियों के आगे सिर झुकाता है और ईश्वर की बनाई मूर्तियों के साथ छल, कपट करता है

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Panipat News/The program of the second day of Rishi Nirvana Day concluded with great gaiety at Maharishi Dayanand Sansthan.
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आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। ऋषि निर्वाण दिवस के दूसरे दिन का कार्यक्रम महर्षि दयानंद संस्थान वेद मंदिर न्यू मुखीजा कॉलोनी में बड़े ही उल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का आरंभ आचार्य संजीव वेदालंकार ने यज्ञ में मंत्रोच्चारण द्वारा आहुतियां डलवा कर किया। चंडीगढ़ से आमंत्रित विद्वान भजनोपदेशक पंडित उपेंद्र ने अपने सुंदर भजन बेटियां घर की शान होती है, यह तो वास्तव में बड़ी महान होती है द्वारा आमंत्रित आर्यजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रभु हर दिल में वास करता है जर्रे जर्रे में वो समाया है उसकी महिमा को जनता नहीं जिसने यह संसार बनाया है जैसे भजनों द्वारा भक्ति विभौर कर दिया।

माता पिता का सम्मान न हो तो ऐसी भक्ति भ्रमण का कोई लाभ नहीं होता

आचार्य संजीव वेदालंकार ने अपने वेद प्रवचनों में पाखण्डों पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि मूर्तियों को मनुष्य ने बनाया और मनुष्य ने ही मन्दिरों में उनकी प्राण प्रतिष्ठा की और ईश्वर ने मनुष्य बनाकर उसमें प्राण प्रतिष्ठा की। आज मनुष्य अपनी बनाई मूर्तियों के आगे सिर झुकाता है और ईश्वर की बनाई मूर्तियों के साथ छल, कपट, धोखा और गला काटने का काम करता है। भक्ति के नाम पर आडम्बर रचकर अपने आप को भक्त की श्रेणी में रखना चाहता है घर में माता पिता का सम्मान न हो तो ऐसी भक्ति भ्रमण का कोई लाभ नहीं होता। प्रधान सुरेश आहूजा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी का आभार प्रकट करते हुए अपने साथियों का इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया और कर्नल सतीश ओबरॉय ने शान्तिपाठ के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

 

 

Panipat News/The program of the second day of Rishi Nirvana Day concluded with great gaiety at Maharishi Dayanand Sansthan.
Panipat News/The program of the second day of Rishi Nirvana Day concluded with great gaiety at Maharishi Dayanand Sansthan.

सभी विद्वानों को पारितोषिक देकर सम्मानित किया

आज का प्रसाद लंगर सरिता आहूजा, शशी अग्रवाल के द्वारा दिया गया। मंच संचालक की भूमिका धीरज कपूर ने बखूबी निभाई। आज के यजमान राजरानी-नंदकिशोर छाबड़ा, विनीता-धीरज कपूर, खुशबू-वरुणा, मोना-अश्वनी चोपड़ा आदि रहे। यज्ञ की व्यवस्था मंत्राणि ज्योति ठकराल, बलजीता यादव, संगीता आहूजा, सोनिया आर्या खुशबु वधावन, सुमित्रा आर्या ने की। कोषाध्यक्ष रामचंद्र गल्हयाण ने सभी विद्वानों को पारितोषिक देकर सम्मानित किया। ऋर्षिलंगर की व्यवस्था ओम खर्ब, वरुण वधावन, मोनू गाँधी, मोहित अरोड़ा, शक्ति ठकराल ने की।
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