सद्गुरू माता को शांति दूत सम्मान से नवाजा, बुद्ध प्रतिमा भेंट की

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Panipat News/Sadhguru Mata honored with Peace Ambassador Award
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  • गांधी ग्लोबल परिवार और डैमोक्रेटिक आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सद्गुरू माता मिटती इन्सानियत को बचाने को आगे आएं
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत/समालखा। गांधी ग्लोबल परिवार और डैमोके्रटिक आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद द्वारा 75वें संत निरंकारी समागम में पहुंचकर सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज को शांति दूत सम्मान से नवाजते हुए उन्हें महात्मा बुद्ध की प्रतिमा भेंट की। साथ ही राजपिता रमित को भी शॉल भेंट की। गांधी ग्लोबल परिवार एक पीस एनजीआ है जो कि यूनाईटेड नेशंस डिपार्टमेंट ऑफ ग्लोबल कॉम्यूनिकेशन से मान्यता प्राप्त है।

सद्गुरू माता से मिटती इन्सानियत को बचाने का आग्रह

आजाद ने सद्गुरू माता से विश्व में समाप्त होती इन्सानियत, शांति को बचाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यूके्रेन-रशिया जंग कई महीनों से चल रही है। अल्लाह की बनाई इन्सानियत को खत्म किया जा रहा है। जहां विश्व के सभी लीडर शांति स्थापित करने में असफल हो गए हैं तो सद्गुरू माता को आगे आएं और मुल्क-मुल्क, इन्सान-इन्सान के बीच खड़ी की जा रही वैमन्सय की खाई को दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि ऊपरवाला कोई ना कोई पीर पैगम्बर भेज देता है जो नफरत को मिटा दे। आपके नेतृत्व में दुनिया में शांति हो इसके लिए प्रयास करें।
Panipat News/Sadhguru Mata honored with Peace Ambassador Award
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प्यार- मोहब्बत, अमन का इतिहास रच रहा पानीपत का भोड़वाल माजरी

गुलाम नबी आजाद ने लाखों की संगत को कहा कि पानीपत एक एतिहासिक शहर है और इसके गांव भोड़वाल माजरी स्थित निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर लाखों लोग पहुंचे हैं। पानीपत का इतिहास जंगों का रहा है कई लड़ाईयां पानीपत में लड़ी गई। संत, फकीर, शायर पानीपत ने पैदा किए। लेकिन अब खूनग्रेजी, युद्धों के पुराने इतिहास छोडक़र अब यह एक नया इतिहास रच रहा है वह इतिहास प्यार, मोहब्बत और अमन का इतिहास है और पूरी दुनिया को इसका पैगाम दे रहा है। दुनियाभर सहित देश के कोने-कोने से लाखों की संगत यहां पहुंची है अमन का पैगाम देने यही निरंकारी मिशन का काम है।

इन्सानियत की शिक्षा देेता है निरंकारी मिशन

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने सैकड़ों सस्थाएं देखी हैं लेकिन निरंकारी मिशन पहला मंच है जहां इन्सानियत की शिक्षा दी जाती है। भगवान, अल्लाह ने इन्सान को पैदा किया लेकिन आज इन्सान जातियों, धर्म में बंट गया है। इन्सान के नाम से कम जाति धर्म के नाम से अधिक पहचाना जाता है।

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