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Drug Free Campaign in Schools : सरकारी स्कूलों के बच्चों को नशे के घातक परिणामों के प्रति जागरूक करना जरूरी: अतिरिक्त उपायुक्त

Aaj Samaj (आज समाज), Drug Free Campaign in Schools, पानीपत :राज्य सरकार के निर्देशों अनुसार सरकारी स्कूलों के बच्चों मेें नशे की लत ना पड़े इसको लेकर स्कूलों में नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। अतिरिक्त उपायुक्त वीना हुड्डा ने बुधवार को जिला सचिवालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में जहरीला नशा दस्तक ना दे उससे पहले इस पर नकेल कसनी होगी। नशे की स्कूली के बच्चों में बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम लगाना जरूरी है। सरकारी स्कूलों में जागरूकता अभियान चला कर इन पर कार्य कर ठोस नतीजे पर पहुंचना होगा। छात्र नशे की लत का शिकार ना हो इसको लेकर सरकारी स्कूलों के आस-पास किसी भी प्रकार के नशे से जुड़े संसाधनों से दूरी बनानी होगी। जिन सरकारी स्कूलों के आस-पास पर भांग के पौधें लगे हैं निगम की सहायता से दवाएं डलवाकर उन्हें नष्टï करवाना होगा। उन्होंने इस कार्य में ग्रामीणों से सहयोग की अपील की। अतिरक्ति उपायुक्त ने बैठक में पुलिस विभाग से सरकारी स्कूलों में नशे से जुड़े अब तक कितने केस रजिस्ट्रड हुए है पर जानकारी भी मांगी।
  • सरकारी स्कूलों के नजदीक खुले शराब के ठेके मेें सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं या नहीं इस पर ध्यान देना होगा
  • नगर निगम सरकारी स्कूलों के आस-पास के क्षेत्र में भांग के पौधों के क्षेत्र को चयनित कर उन्हें दवाओं से करेगा नष्ट
  • अभिभावक नशीली दवाएं बच्चों से ना मंगवाये, इससे बच्चों में बढ़ती है नशे की प्रवृत्ति

अतिरिक्त उपायुक्त ने नशे को लेकर अधिकारियों से मांगे सुझाव

अतिरक्ति उपायुक्त ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे इस बात का भी ध्यान रखें की नशीली दवाएं बच्चों से ना मंगवाये खास कर युवाओं से। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चे नशे की लत का शिकार ना हो इस पर गंभीरता से कार्य करने की जरूरत है। अगर स्कूली बच्चों में नशे की लत से लगने से पहले काबू नहीं पाया जाता तो आगे चलकर उसके घातक परिणाम होते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी जयंत आहुजा ने बताया कि कोई भी नशा हो वो घातक होता है। लिवर, किडनी, फेफड़ों से ज्यादा दिमाग को नुकसान पहुंचाता है। स्कूली बच्चे व युवा पीढ़ी धूम्रपान से दूर रहे इसको लेकर जागरूकता अभियान को और अधिक मजबूत से चलाने की जरूरत है। लोगों के सामने इसके दुष्परिणामों को रखने की जरूरत है।

मादक द्रव्य दुरूपयोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक

उन्होंने बताया कि युवा शराब, सिगरेट, ड्रग्स सहित न जाने कितनी जहरीली चीजों का सेवन करते हैं। मादक द्रव्य दुरूपयोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। उन्होंने नशे के दुषप्रभावों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नशे की आदत पड़ने पर कमजोरी आने लगती है। ऐसे में वह थोड़ा-सा काम करने पर थकावट हो जाती है। नशा का सेवन या नशे की लत एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या ना बने इसको लेकर और गंभीरता से कार्य करना होगा। इस मौके पर डीएसपी धर्मबीर खर्ब, मुख्य चिकित्सा अधिकारी जयंत आहुजा, शिक्षा विभाग के जिला उप शिक्षा निदेशक राजबीर सिंह, जिला बाल सरंक्षण अधिकारी निधि गुप्ता, ड्रग इंस्पेक्टर संदीप हुड्डा, समाज कल्याण विभाग के सहायक कर्ण सिंह के अलावा कई सरकारी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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