Vivah Panchami: जानें विवाह पंचमी पर शादी करने से क्यों मना करते हैं लोग?

0
73
Vivah Panchami: जानें विवाह पंचमी पर शादी करने से क्यों मना करते हैं लोग?
Vivah Panchami: जानें विवाह पंचमी पर शादी करने से क्यों मना करते हैं लोग?

इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का हुआ था विवाह
(आज समाज), नई दिल्ली: विवाह पंचमी का दिन हिंदू धर्म में बेहद शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि त्रेता युग में इस तिथि पर भगवान राम और माता सीता विवाह बंधन में बंधे थे। इसी वजह से इसी तिथि को हर साल उनकी विवाह की वर्षगांठ के रूप में और विवाह पंचमी के नाम से मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सीता-राम की पूजा करने से अविवाहित लोगों के लिए विवाह के योग बनते हैं। लेकिन कुछ लोग इस दिन अपनी बहन-बेटी का विवाह करने से मना करते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।

विवाह पंचमी कब है

पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरूआत 24 नवंबर को रात 9 बजकर 22 मिनट पर होगी और 25 नवंबर को रात 10 बजकर 56 मिनट पर इस तिथि का समापन हो जाएगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 25 नवंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी।

विवाह पंचमी पर शादी करनी चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह पंचमी पर शादी करना शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसके बाद उनके वैवाहिक जीवन में कई कष्ट आए थे जैसे श्रीराम का 14 साल के वनवास पर जाना और सीता माता का हरण। इसी वजह से ऐसी मान्यता है कि इस दिन विवाह करने से वैवाहिक जीवन में संघर्ष आ सकता है।

हालांकि, यह दिन पूजा-पाठ और अन्य शुभ कार्यों के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। हालांकि, विवाह पंचमी को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है, फिर भी कुछ लोग मानते हैं कि अगर ग्रह-नक्षत्र और शुभ मुहूर्त अनुकूल हों तो शादी की जा सकती है।

विवाह पंचमी का महत्व

विवाह पंचमी के दिन पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही, इस अवसर पर राम-सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख और मधुरता आती है और पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं। विवाह में आने वाली बाधाओं की समाप्ति के लिए इस दिन व्रत रखना और पूजा करना बहुत फलदायी माना जाता है।

विवाह पंचमी के दिन क्या करना चाहिए?

  • राम-सीता की पूजा: विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
  • रामचरितमानस का पाठ: इस दिन रामचरितमानस के बालकांड में भगवान राम और सीता के विवाह प्रसंग का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।
  • केले के पेड़ की पूजा: केले के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व है, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है और इससे बृहस्पति ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं।

ये भी पढ़ें: जानें रोजाना गाय को रोटी खिलाने के फायदे