Vivah Panchami: जानें विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होती शादी

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Vivah Panchami: जानें विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होती शादी
Vivah Panchami: जानें विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होती शादी

आज के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का हुआ था विवाह
Vivah Panchami, (आज समाज), नई दिल्ली: इस बार विवाह पंचमी का पर्व 25 नवंबर यानी की आज मनाई जा रही है। यह पर्व अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। साथ ही यह दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा-अर्चना के लिए बेहद शुभ माना गया है, लेकिन लोग इस दिन पर विवाह अनुष्ठान करने से बचते हैं, जिसके पीछे एक बड़ी ही खास वजह मिलती है।

इस कारण नहीं किए जाते विवाह

हिंदू धर्म में प्रभु राम और माता जानकी की जोड़ी को एक आदर्श जोड़ी के रूप में देखा जाता है, लेकिन इसके बाद भी इस तिथि को विवाह करने के लिए एक शुभ तिथि के रूप में नहीं देखा जाता। इसके पीछे यह धार्मिक मान्यता चली आ रही है कि प्रभु राम और माता सीता को अपने वैवाहिक जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था।

14 वर्ष का वनवास, रावण और भगवान राम का युद्ध और वनवास की समाप्ति के बाद भी माता सीता का वन में रहना, इसी के कुछ उदाहरण हैं। इसलिए यह माना जाता है कि जो भी इस तिथि पर विवाह करता है, उसके जीवन में भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

मिलता है मनोवांछित फल

विवाह पंचमी का पर्व अयोध्या में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इसके साथ ही नेपाल में भी इस पर्व का उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन पर भगवान राम और माता सीता के विवाह की भव्य झांकियां भी निकाली जाती हैं। कई साधक इस दिन पर व्रत भी करते हैं। धार्मिक ग्रन्थों में यह वर्णन मिलता है कि विवाह पंचमी के दिन व्रत करने से साधक को सुखी वैवाहिक जीवन और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

मिलता है शुभ फल

विवाह पंचमी के दिन आप विधि-विधान से भगवान श्री राम और माता जानकी की पूजा करें। इसके साथ ही तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरितमानस की सिद्ध चौपाइयों का जप करें और भगवान श्रीराम व माता सीता के मंत्रों का जप करें। इससे साधक को मनचाहे फल की प्राप्ति हो सकती है।

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