जानें पक्षियों को कैद में रखना कितना अशुभ
Ram Katha, (आज समाज), नई दिल्ली: क्या आपके घर में छोटे जानवरों और पक्षियों को रखना शुभ है या अशुभ? ये सवाल कई बार दिमाग में उमड़ता रहता है। प्राचीन काल से ही कई लोग पक्षियों को पिंजरे में बंद करके पालते रहे हैं, लेकिन कई लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि क्या यह सभी के लिए शुभ या अशुभ है। कई दफा यह भी होता है कि उनके घरों में पल रही मछली, कछुआ, कुत्ता, तोता या कबूतर जैसे पक्षी व जानवरों को कुछ हो जाए, तो लोग इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि क्या ये अशुभ संकेत है? जब इंसानों को कैद करके रखा जाता है, भले ही उन्हें खाना दिया जाए, तो यह उनकी आजादी छीनने की सजा है।
वहीं, जानवरों और पक्षियों ने क्या गुनाह किया है? उनकी आजादी छीनना उचित नहीं है। पक्षियों को पिंजरे में बंद करना शुभ नहीं है। जानवरों को बिना पिंजरे के पालने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन उन्हें एक निश्चित सीमा में, पिंजरे में बंद रखना एक तरह से अशुभ है।
धरती, हवा और पानी ईश्वर द्वारा मनुष्य को किए गए भेंट
धरती, हवा और पानी ये सभी ईश्वर द्वारा हमें गिफ्ट में दिए गए हैं। ये किसी की संपत्ति नहीं हैं। चूंकि ईश्वर ने इन्हें, जो प्रकृति का हिस्सा हैं, सभी जीवों को समान रूप से दिया है इसलिए हर जीव को इस दुनिया में स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार है। हम जीवों को तीन श्रेणियों में बांटते हैं: स्थलीय (मनुष्य, थल पर रहने वाले जीव), जलचर (मछली, जल में रहने वाले मगरमच्छ) और वायवीय (पक्षी)। वायवीय पक्षियों को पिंजरे में रखना और उन्हें पालना बहुत शुभ नहीं होता। इससे घरों की शांति भंग हो सकती है।
माता सीता को लगा था ये श्राप
जैसा कि पुराणों में वर्णित है, मां सीता ने बचपन में खेल-खेल में एक मादा तोते को पिंजरे में बंद कर कर लिया था और नर तोते ने श्राप दिया था कि तुम्हें भी अपने पति से बिछड़ना पड़ेगा। परिणामस्वरूप, श्री राम को वनवास जाना पड़ा। यह पक्षियों को पिंजरे में रखने के अशुभ प्रभाव का एक उदाहरण है इसलिए, घरों में पक्षियों को स्थायी रूप से पिंजरे में रखना शुभ नहीं है। उन्हें स्वतंत्र रूप से रहने देना चाहिए। यदि पिंजरा इस्तेमाल किया जाता है, तो उसे हमेशा खुला रखना चाहिए ताकि पक्षी आकर दाना खा सकें और फिर अपनी इच्छानुसार उड़ सकें।
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