Pitru Paksha Kagbali: जानें क्या होती हैै कागबलि

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Pitru Paksha Kagbali: जानें क्या होती हैै कागबलि
Pitru Paksha Kagbali: जानें क्या होती हैै कागबलि

श्राद्ध पक्ष में किस लिए निकाली जाती है कागबलि
Pitru Paksha Kagbali,(आज समाज), नई दिल्ली: काकबलि का अर्थ है श्राद्ध के दौरान कौवों को भोजन अर्पित करना। यह पितरों को संतुष्ट करने और उनके संतोष को सुनिश्चित करने की एक शास्त्रीय परंपरा है, क्योंकि कौवों को पितृ गणों का प्रतीक माना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, कौवा पितरों के रूप में तर्पण स्वीकार करता है, और यदि वह श्राद्ध का अन्न स्वीकार करता है, तो इससे यह पता चलता है कि पितर संतुष्ट हैं। काकबली का सीधा संबंध तंत्र या भूत-प्रेतों से नहीं है, बल्कि यह पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका है

पांच जगह निकाले जाते भोजन के अंश

पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध करते समय पांच जगह भोजन के अंश निकाले जाते हैं, जिसे पंचबलि कहते है. इसे पहली बलि गाय के लिए, दूसरी बलि कुत्ते के लिए, तीसरी बल कौवे के लिए और चौथी बलि देवताओं के लिए और पांचवीं बलि चीटियों के लिए निकाली जाती है। बलि की इस प्रक्रिया में कौवे की विशेष रूप से तलाश की जाती है। यम के प्रतीक माने जाने वाले कौए को लेकर मान्यता है कि श्राद्ध के दिन कौआ निकाले गये भोग को खाकर संतुष्ट हो जाए तो पितर भी प्रसन्न हो जाते हैं।

कौऐ को कहा गया है श्राद्धभक्षी

हिंदू धर्म में कौऐ को श्राद्धभक्षी कहा गया है। यह श्राद्ध की दृष्टि से विशिष्ट पक्षी माना गया है। सनातन परंपरा में श्राद्ध के भोजन का अधिकार जिन लोगों को दिया गया है, उसमें से कौआ प्रमुख है क्योंकि उसे पितृदूत माना गया है। पितरों के लिए किया जाने वाला श्राद्ध कागबलि के बगैर अधूरा होता है।

काग भुसुंडी का स्वरूप कौवे वाला था

पौराणिक कथाओं में काग भुसुंडी का स्वरूप कौवे वाला था। मान्यता है कि एक बार ब्रह्मा जी ने उनके काले स्वरूप को बदलने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने स्वयं के स्वरूप से संतुष्ट होने की बात कहते हुए ब्रह्मा जी के आग्रह को आदरपूर्वक मना कर दिया।

कौवे का महत्व

  • पितृपक्ष में यदि कौआ आपके घर में बार-बार आकर आवाज लगाए तो इसे पितरों की तरफ से भेजा गया संकेत माना जाता है।
  • घर की मुंडेर, बालकनी या दरवाजे पर सुबह-सुबह कौआ बोले तो इसे किसी अतिथि के आगमन का संकेत माना जाता है।
  • घर के उत्तर दिशा में कौवे का बार-बार बोलना शीघ्र ही धन की प्राप्ति का संकेत माना जाता है।
  • यदि अचानक से आपके आसपास ढेर सारे कौवे जमा होने लगें तो भविष्य में आपके जीवने से जुड़े बड़े बदलाव का संकेत देता है।
  • यदि रास्ते में कौटा अपनी चोंच में रोटी, मांस का टुकड़ा या फिर कोई कपड़ा आदि दबाए दिखे तो यह आपकी बहुप्रतीक्षित कामना के पूरा होने का संकेत माना जाता है।

काकबली का महत्व

  • पितरों की संतुष्टि: काकबली के द्वारा पितरों को संतुष्ट किया जाता है और उन्हें स्वर्ग में सुख प्राप्त होता है।
  • श्राद्ध की फलदायकता: कौवे द्वारा भोजन ग्रहण करने से श्राद्ध फलदायक होता है और श्राद्धकर्ता को शुभ लोक की प्राप्ति होती है।
  • पितृ दोष से मुक्ति: माना जाता है कि काकबली करने से पितृ दोष दूर होता है और पितर प्रेत बाधा से मुक्त होते हैं।

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