- बीआर गवई पहले बौद्ध सीजेआई
दलित समुदाय से दूसरी शख्सित
CJI Justice BR Gavai Sworn In, (आज समाज, नई दिल्ली): न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई सुप्रीम कोर्ट के 52वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें आज सीजेआई पद की शपथ दिलाई। बीआर गवई ने सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) का स्थान लिया है। न्यायमूर्ति गवई पहले बौद्ध सीजेआई हैं और दलित समुदाय से दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर कब्जा किया है। इससे पहले पूर्व सीजेआई केजी बालकृष्णन ने 2007 में पद संभाला था।
सेवानिवृत्ति के बाद नहीं संभालेंगे कोई कार्यभार
न्यायमूर्ति गवई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे सेवानिवृत्ति के बाद कोई कार्यभार नहीं संभालेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने पिता की तरह राजनीति में शामिल होंगे, न्यायमूर्ति गवई ने कहा, कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है। मैंने सेवानिवृत्ति के बाद कोई कार्यभार या पद नहीं लेने का फैसला किया है। कोई भी अन्य कार्यभार सीजेआई पद से नीचे है, राज्यपाल भी सीजेआई पद से नीचे है।
प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ आरएस गवई के पुत्र
न्यायमूर्ति गवई, प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ आरएस गवई के पुत्र हैं, जो बिहार और केरल के राज्यपाल थे। वह बीआर अंबेडकर के आदर्शों को बढ़ावा देने में गहराई से लगे परिवार से हैं। उनके पिता एक प्रमुख अंबेडकरवादी और पूर्व सांसद थे। महाराष्ट्र के एक गांव में जन्मे न्यायमूर्ति गवई ने कहा है कि वह अभी भी साल में तीन बार अपने गांव जाना पसंद करते हैं, खासकर अपने दिवंगत पिता की जयंती और पुण्यतिथि पर व अपने गांव में वार्षिक मेले के दौरान।
24 नवंबर, 1960 को अमरावती में हुआ जन्म
आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में 24 नवंबर, 1960 को बीआर गवई का जन्म हुआ। उन्होंने 16 मार्च, 1985 को बार में प्रवेश लिया और बॉम्बे उच्च न्यायालय और बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में अपना अभ्यास शुरू किया। उन्हें 17 जनवरी, 2000 को नागपुर बेंच के लिए सरकारी वकील और लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। उन्हें 14 नवंबर, 2003 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और नवंबर 2005 में वे बॉम्बे उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने।
23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे न्यायमूर्ति गवई
न्यायमूर्ति गवई को 24 मई, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। पिछले छह वर्षों में, वे संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, नागरिक कानून, आपराधिक कानून, वाणिज्यिक विवाद, मध्यस्थता कानून, बिजली कानून, शिक्षा मामले, पर्यावरण कानून आदि सहित विभिन्न विषयों से संबंधित मामलों से निपटने वाली लगभग 700 पीठों का हिस्सा थे। न्यायमूर्ति गवई 23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
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