Jind News : मेरा पानी, मेरी विरासत स्कीम के तहत 15510 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित

0
50
Jind News : मेरा पानी, मेरी विरासत स्कीम के तहत 15510 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित
खेत में तैयार की गई धान की पौध।
  • मेरा पानी, मेरी विरासत स्कीम के तहत सरकार किसानों को दे रही आठ हजार रुपये प्रति एकड़ का अनुदान
  • पानी बचाने के लिए किसान धान की जगह अन्य फसल के विकल्प का करें चयन : डीसी

(Jind News) जींद। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि पानी बचाने के लिए किसान धान की जगह अन्य फसलों के विकल्प का चयन करें। हरियाणा सरकार द्वारा जल संरक्षण के उद्देश्य से मेरा पानी मेरी विरासत योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार पानी की अधिक खपत वाले धान के स्थान पर ऐसी फसलों को प्रोत्साहित कर रही है, जिनके लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का लाभ उठाएं। डीसी ने कहा कि जल मनुष्य के लिए बहुमुल्य व जीवन रूपी रत्न है। जिसके बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है।

पिछले 25 वर्षों में नलकूपों के द्वारा भूमि जल का अधिक दोहन करने से लगातार जलस्तर नीचे गिरता जा रहा है। जो एक चिंता का विषय है। इसी चिंता को देखते हुए हरियाणा सरकार ने यह योजना चलाई है। जिसके तहत ऐसे किसान जिन्होंने पिछले साल धान की फसल उगाई थी और इस सीजन किसी अन्य फसल को लगाता है तो उसे हरियाणा सरकार प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रति एकड़ आठ हजार रुपये प्रदान करती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।

मेरा पानी, मेरी विरासत स्कीम के तहत 15510 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित

जिला जींद में मेरा पानी, मेरी विरासत स्कीम के तहत 15510 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें किसान धान फसल को छोड़ कर अन्य फसल जैसे मक्का, कपास, खरीफ  दालें, खरीफ  तिलहन,  बागवानी, खाली खेत चारा, सब्जी कृषि वानिकी (पोपलर व सफेदा) आदि लगा सकते हैं। यदि किसानों ने पिछले वर्ष धान उगाया था और इस वर्ष उन्हें उसी खेत में स्वीकृत वैकल्पिक फसलों में से कोई एक फसल उगानी है तो उन्हें सब्सिडी का लाभ मिल सकता है।

यदि किसी किसान ने पिछले चार वर्षों में किसी भी वर्ष उसी खेत में धान से अलग अन्य दी गई वैकल्पिक फसलों के अतिरिक्त उगाई हो तो वह पात्र नहीं होगा। क्योंकि योजना का उद्देश्य धान में जल खपत को घटाना है जिन किसानों ने पिछले खरीफ  सीजन के दौरान मेरा पानी मेरी विरासत के तहत फसल विविधीकरण को अपनाया था। वे इस वर्ष भी लाभ के लिए पात्र हैं। यदि वे उसी खेत पर वैकल्पिक फसल उगाना जारी रखते हैं लेकिन उन्होंने पिछले चार वर्षों के दौरान उस खेत पर धान की खेती की थी। जो किसान पिछले वर्ष की खरीफ  धान की फसल को इस वर्ष खाली छोड़ेंगे, वे भी प्रोत्साहन राशि पाने के पात्र होंगे।

स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को पंजीकरण करवाना अनिवार्य

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. गिरीश नागपाल ने बताया कि स्कीम का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल की सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा व भुगतान खरीफ सत्र समाप्त होने के बाद दिया जाएगा।

सरकार सभी वैकल्पिक फसलों की एमएसपी पर 100 प्रतिशत खरीद सुनिश्चित करेगी। यदि फसल भारत सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी के अंतर्गत आती है।

यह भी पढ़े : Jind News : आपसी कहासुनी में चचेरे भाई की गोली मार हत्या