J-K News: कटरा-श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन शुरू, पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

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J-K News: कटरा-श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन शुरू, पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

PM Flags off Katra-Srinagar Vande Bharat Train, (आज समाज), जम्मू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर में कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। यह कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के बीच चलने वाली पहली ट्रेन सेवा है। पीएम ने कटरा से इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित अन्य गणमान्य लोग इस मौके पर मौजूद रहे।

रियासी : दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री ने इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल का उद्घाटन किया। पीएम ने इसी ट्रैक पर बने अंजी खाद ब्रिज का भी उद्घाटन किया। यह ब्रिज देश में बना पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज है। इसके बाद वह कटरा पहुंचे और कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

वंदे भारत से 6 घंटे का सफर 3 घंटे में होगा पूरा

वंदे भारत एक्सप्रेस के कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के बीच चलने से कटरा से श्रीनगर का रास्ता केवल तीन घंटे का रह जाएगा। सड़क मार्ग से श्रीनगर कटरा के सफर के छह घंटे लगते हैं। ट्रेन से केवल तीन घंटे में लगेंगे। सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनें सप्ताह में छह दिन चलेंगी, जिनमें दो जोड़ी ट्रेनें बनिहाल में रुकेंगी। एसी चेयर कार के लिए किराया 660 रुपए से शुरू होता है। जल्द ही एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया भी बढ़ने की उम्मीद है।

यूएसबीआरएल परियोजना

हालांकि USBRL परियोजना पूरी हो चुकी है, लेकिन जम्मू रेलवे स्टेशन पर चल रहे बुनियादी ढांचे के उन्नयन के कारण वंदे भारत सेवा अभी केवल कटरा और श्रीनगर के बीच ही संचालित होगी। एक बार जब जम्मू यार्ड का विस्तार पूरा हो जाएगा, तो श्रीनगर और जम्मू के बीच और अंतत: दिल्ली और उससे आगे तक निर्बाध यात्रा संभव हो जाएगी।

272 किमी लंबा मार्ग, 36 सुरंगें, 943 पुल

वंदे भारत ट्रेन दो इंजीनियरिंग चमत्कारों से होकर गुजरेगी- चिनाब रेलवे ब्रिज, जो 359 मीटर ऊंचा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है, और अंजी खाद ब्रिज, जो भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज है। यह मार्ग 272 किलोमीटर लंबा है और इसमें 36 सुरंगें (कुल 119 किलोमीटर) और 943 पुल शामिल हैं, जो घाटियों, चोटियों और हिमालय के ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होकर गुजरते हैं।

अंतिम और सबसे चुनौतीपूर्ण खंड था बनिहाल से संगलदान तक

मूल रूप से इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान 1983 में प्रस्तावित USBRL परियोजना में दशकों तक धीमी प्रगति देखी गई, जब तक कि इसे 2002 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर दिया गया। इसमें 2014 के बाद तेजी आई, जब चरणों में प्रमुख खंडों का उद्घाटन किया गया। अंतिम और सबसे चुनौतीपूर्ण खंड – बनिहाल से संगलदान तक – इस साल की शुरूआत में पूरा हुआ।

श्रीनगर-कटरा वंदे भारत की विशेषताएं

श्रीनगर-कटरा वंदे भारत की खास विशेषताओं में गर्म विंडशील्ड, इंसुलेटेड शौचालय, भूकंपीय डैम्पर्स और बर्फ हटाने वाली प्रणालियाँ शामिल हैं – जो कठोर सर्दियों में भी निर्बाध सेवा सुनिश्चित करती हैं। इस मार्ग के लिए स्लीपर कोच वाली लंबी दूरी की वंदे भारत वर्तमान में प्रोटोटाइप चरण में है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना भारत के रेल इतिहास में तकनीकी रूप से सबसे अधिक मांग वाली परियोजनाओं में से एक थी और यह जम्मू-कश्मीर के लिए एक नए युग का प्रतीक है, जो आर्थिक क्षमता और क्षेत्रीय एकीकरण को खोलती है।

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