ITR Refund 2025 : वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सभी करदाता रिटर्न से सम्भंदित सभी दस्तावेज अपने पास रखे ताकि बाद में कोई परेशानी न हो। पहले पांच दिनों में 1.23 लाख से अधिक रिटर्न (ITR) दाखिल किए गए हैं। लेकिन अब लोगों का ध्यान इस बात पर है कि आयकर विभाग कब से रिटर्न और रिफंड (ITR रिफंड स्टेटस) की प्रक्रिया शुरू करेगा।
इस साल देरी से शुरू हुई ITR फाइलिंग
इस साल ITR फाइलिंग प्रक्रिया सामान्य से थोड़ी देर से शुरू हुई है। इसका मुख्य कारण फॉर्म और उससे जुड़ी यूटिलिटी जारी करने में देरी है। आयकर विभाग ने एक्सेल-आधारित यूटिलिटी (V1.0) और वैलिडेशन टूल के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए फाइलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये उपकरण ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) को सपोर्ट करते हैं। ऑफलाइन टूल जारी करने के तुरंत बाद विभाग ने ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से पहले से भरे गए डेटा के साथ ITR-1 और ITR-4 की ऑनलाइन फाइलिंग भी शुरू कर दी।
अप्रैल के आखिर में ITR फॉर्म उपलब्ध करा दिए गए थे, लेकिन फाइलिंग यूटिलिटी कुछ समय बाद ही उपलब्ध हो पाई। इस देरी के कारण इस साल की ITR फाइलिंग थोड़ी पिछड़ गई।
महज 5 दिनों के भीतर 1.23 लाख से ज्यादा ITR दाखिल
देरी से शुरू होने के बावजूद करदाता तेजी से रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। यूटिलिटी जारी होने के महज 5 दिनों के भीतर 1.23 लाख से ज्यादा ITR दाखिल किए गए और 1.12 लाख से ज्यादा का सत्यापन किया गया। इससे पता चलता है कि करदाता अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कितने गंभीर हैं। अब करदाताओं के मन में यह सवाल उठ रहा है कि ITR की प्रोसेसिंग और रिफंड की प्रक्रिया कब शुरू होगी?
रिटर्न प्रोसेसिंग और रिफंड कब तक
ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन ने अपने एक ब्लॉग में लिखा है कि आयकर विभाग जून 2025 के मध्य तक रिटर्न की प्रोसेसिंग शुरू कर सकता है। अगर करदाता की ओर से कोई गलती नहीं है, तो आम तौर पर जानकारी जारी होने के 5 से 7 दिनों के भीतर रिफंड उसके बैंक खाते में आ जाता है। यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जो जल्द से जल्द अपना रिफंड चाहते हैं।
प्रोसेसिंग से पहले सत्यापन\
रिटर्न की प्रोसेसिंग से पहले सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) रिटर्न में दाखिल किए गए डेटा को थर्ड पार्टी सोर्स से सत्यापित करता है। इन स्रोतों में फॉर्म 26AS, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (TIS) शामिल हैं।
यह डेटा वित्तीय संस्थानों, नियोक्ताओं और अन्य संस्थाओं द्वारा TDS रिटर्न के दौरान दी गई जानकारी के आधार पर भरा जाता है। पिछली तिमाही के लिए TDS रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 मई है, इसलिए जल्द ही अंतिम डेटा आयकर पोर्टल पर आने की उम्मीद है।
सत्यापन के बाद ही प्रोसेसिंग
CPC सफल सत्यापन के बाद ही रिटर्न की प्रोसेसिंग शुरू करता है। यह सत्यापन आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग या बेंगलुरु सीपीसी कार्यालय में आईटीआर-वी (पावती फॉर्म) जमा करके किया जा सकता है। सत्यापन के बिना, रिटर्न संसाधित नहीं होता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि आपका आईटीआर सफलतापूर्वक सत्यापित हो।
तकनीक ने बदली तस्वीर
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया कि 2013 में रिटर्न की औसत प्रोसेसिंग में 93 दिन लगते थे। अब, प्रौद्योगिकी उन्नयन के कारण, यह समय घटकर लगभग 10 दिन रह गया है। यह दर्शाता है कि आयकर विभाग ने अपनी प्रक्रियाओं को कितना कुशल बनाया है, जिससे करदाताओं को तेजी से सेवाएं मिल रही हैं।
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