सरकार युवाओं को स्थाई रोजगार देने की बजाय मुक्कदमें दर्ज करने के प्रति ज्यादा सजग

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Instead of providing permanent employment to the youth of the Central and State Government, cases have been registered
आज समाज डिजिटल,हिसार:
केंद्र व प्रदेश सरकार युवाओं को स्थाई रोजगार देने की बजाय मुकदमें दर्ज करने के प्रति अधिक सजग दिखाई दे रही है। यह बात रोडवेज कर्मचारी यूनियन के पूर्व जिला प्रधान एवं प्रदेश् प्रभारी राजपाल नैन ने एक बयान जारी कर कही। बयान में उन्होंने कह कि अग्निपथ पॉलिसी बनाने से पहले इस पॉलिसी के बारे में युवा वर्ग व समाज को इसके बारे में पूर्ण एवं तथ्यात्मक जानकारी देनी चाहिए थी। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने देश के बड़े-बड़े सार्वजनिक संस्थानों रेलवे, बीएसएनएल, बैंक, बीमा आदि जिनमें लाखों पढ़े लिखे युवाओं को स्थाई रोजगार मिलता था को निजी हाथों में सौप दिया है।

युवाओं से किया अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए संघर्ष करने का आह्वान

मौजूदा सरकार ने युवाओं को स्थाई रोजगार देने को लेकर ठोस कदम उठाने की दिशा में कोई गंभीरता नहीं दिखाई, जिसके चलते आज देश व प्रदेश में बेरोजगारी का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश प्रभारी राजपाल नैन ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वो किसी भी तरह की गैर कानूनी और गैर जिम्मेदाराना गतिविधियों से दूर रहें। उन्होंने कहा कि यह सही है कि आज का युवा अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है और अग्निपथ पॉलिसी युवाओं के आक्रोश की मुख्य वजह हो सकती है, लेकिन हिंसक प्रदर्शन, सार्वजनिक व निजी सम्पति आदि को नुकसान पहुंचाना किसी किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। विरोध के नाम पर ट्रेनों में आग लगाना, सड़क व परिवहन बस सेवाओं में तोडफ़ोड़ करना, पथराव करना व आगजनी जैसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के द्वारा चुनी गई है और सरकारों का जनता के प्रति उतरदायित्व होता है। इसलिए सरकार की जिम्मेदारी व संवैधानिक कर्तव्य बनता है कि किसी भी तरह की पॉलिसी बनाने से पहले उसके नफा-नुकसान के बारे में पूरी जानकारी समाज के सामने रखे और उसके बारे में विचार विमर्श करे। जनता को बताए कि उक्त योजना को लागू करने की जरूरत क्यों पड़ी।

युवाओं को सही जानकारी मुहैया कराने की बजाय सरकार में बैठे लोग प्रवचन देने लग गए

राजपाल नैन ने कहा कि अग्रिपथ योजना में बगैर किसी जनमत के व बगैर जानकारी के ऐसा सिस्टम लागू कर दिया गया जिसका युवा वर्ग में आक्रोश होना स्वाभाविक है। युवाओं को सही जानकारी मुहैया कराने की बजाय सरकार में बैठे लोग प्रवचन देने लग गए कि आप लोग सांसद बन जाओ विधायक बन जाओ। उन्होंने कहा कि विधायक व सांसद जनता द्वारा बनाए जाते हैं और उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वो समाज के सामने सरकार की पॉलिसी के बारे में सही जानकारी दें। उन्होंने युवाओं से पुन: अपील करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में जोश के साथ होश बरकरार रखें। अराजक व असामाजिक तत्वों से दूर रहकर सजग और सचेत रहें। समाज व परिवार के वरिष्ठ नागरिकों के सहयोग और मार्गदर्शन में अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रखें।
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