दोनों देशों से अंतिम दौर में चल रही बातचीत, जल्द समझौता होने की उम्मीद
India Trade Deal (आज समाज), बिजनेस डेस्क : बदलते वैश्विक व्यापार परिवेश के चलते भारत ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ व्यापार समझौते कर रहा है। भारतीय सरकार का यह लक्ष्य है कि भारत ज्यादा से ज्यादा विकास दर हासिल करने के साथ ही व्यापार और विशेषकर निर्यात को बढ़ाए ताकि आर्थिक स्तर पर मजबूत बना जा सके। यह सब केंद्र सरकार के मिशन 2047 विकसित भारत को पूरा करने में अहम भूमिका निभाने जा रहा है।
अपने इसी प्रयास के चलते भारत और दक्षिण अमेरिका के दो देशों चिली और पेरू के बीच अगले दौर की बातचीत क्रमश: अक्तूबर और नवंबर में होगी। सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी साझा की। अधिकारी ने बताया कि चिली के साथ पांच दिवसीय वार्ता 27 अक्तूबर को सैंटियागो में तो पेरू के साथ तीन दिवसीय बातचीत 3 नवंबर को लीमा में शुरू होगी। दोनों समझौतों पर अलग-अलग बातचीत की जा रही है।
चिली भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार
चिली को भारत का सबसे बड़ा निर्यात आॅटो और फार्मा है। चिली से सबसे बड़े आयात लगभग 1.58 अरब डॉलर के खनिज हैं। चिली से आयातित अन्य उत्पादों में तांबा और रसायन भी शामिल हैं। चिली एलएसी (लैटिन अमेरिकी देशों) क्षेत्र में भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। चिली को भारत का निर्यात विविध है और इसमें मोटर वाहन/कार, औषधि निर्माण, रसायन, लोहा और इस्पात उत्पाद, मानव निर्मित धागा, कपड़े, सूती कपड़े, मेड-अप, आरएमजी (रेडीमेड वस्त्र), आॅटो घटक, विद्युत मशीनरी और उपकरण, चमड़े के सामान, रबर उत्पाद, एल्यूमीनियम और इससे बने उत्पाद उत्पाद और चीनी मिट्टी की वस्तुएं शामिल हैं। दूसरी ओर, पेरू लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई क्षेत्रों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है।
पेरू के साथ भी तेजी से बढ़ा भारत का व्यापार
2024-25 के दौरान पेरू को भारत का निर्यात लगभग 9 प्रतिशत बढ़कर 1 अरब डॉलर हो गया। दूसरी ओर, आयात 60 प्रतिशत बढ़कर 4.98 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। पेरू को भारत के मुख्य निर्यात में मोटरसाइकिल और तिपहिया वाहन, पॉलिएस्टर और सूती धागे, फार्मास्यूटिकल्स, लोहा और इस्पात उत्पाद, प्लास्टिक उत्पाद, रबर, तेल और गैस उद्योग के लिए पाइप, टायर, पाइप आदि शामिल हैं। पेरू से मुख्य आयात सोना, तांबा, सिंथेटिक तंतु, कैल्शियम फॉस्फेट, ताजे अंगूर और मछली का आटा हैं।
भारत का फोकस आर्थिक साझेदारी का दायरा बढ़ाने पर
भारत चिली के साथ दूसरे दौर की व्यापार वार्ता और पेरू के साथ आठवें दौर की बातचीत करेगा। भारत और चिली ने 2006 में एक अधिमान्य व्यापार समझौता (पीटीए) लागू किया था और अब वे एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के लिए इसके दायरे को बढ़ाने पर बातचीत कर रहे हैं। सीईपीए का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मौजूदा पीटीए को आगे बढ़ाना है और इसमें डिजिटल सेवाओं, निवेश बढ़ाने और सहयोग करने, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और महत्वपूर्ण खनिजों सहित क्षेत्रों की एक व्यापक शृंखला को शामिल करना है। भारत और चिली के बीच द्विपक्षीय व्यापार मामूली है। 2024-25 में, चिली को भारत का निर्यात 2.46 प्रतिशत घटकर मात्र 1.15 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। हालांकि, आयात 72 प्रतिशत बढ़कर 2.60 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है।