
Bharatiya Antariksh Station ,(आज समाज), नई दिल्ली : भारत ने अंतरिक्ष में भी अपनी आर्थिक और तकनीकी ताकत को जमाने की दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ा दिए है। जिसके लिए सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र को लेकर एक महत्वाकांक्षी योजना भी तैयार कर ली है, जिसका सीधा प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक साख पर पड़ेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भारत को चीन जैसे देशों के साथ इस अंतरिक्ष दौड़ में पीछे नहीं रहना है। बता दें कि चीन पहले ही अपना स्पेस स्टेशन बना चुका और इतना ही नहीं 2030 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की भी तैयारी में है। ऐसे में अब भारत ने भी अपनी गति बढ़ा दी है।
चंद्रमा की सतह पर भी भारत के कदम पड़ेंगे
उल्लेखनीय है कि 2023 में भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोबोटिक अंतरिक्ष यान उतारकर वैश्विक स्तर पर अपनी तकनीकी ताकत को साबित किया था। इसके साथ ही अब इसरो 2027 की शुरुआत में अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ लॉन्च करने की तैयारी में है। जिस हिसाब से सरकार की रणनीति है उसके मुताबिक अगले एक दशक यानी 2035 तक भारत न केवल अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाएगा, बल्कि चंद्रमा की सतह पर भी भारत के कदम पड़ेंगे। यह योजना 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य का ही एक हिस्सा है।
स्पेस इकोनॉमी अब बड़े बदलाव की ओर रफ़्तार पकड़ रही
इस संबंध में हाल ही में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय अंतरिक्ष विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया था कि भारत की स्पेस इकोनॉमी अब बड़े बदलाव की ओर रफ़्तार पकड़ रही है। उन्होंने कहा कि जब तक यह क्षेत्र पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में था, इसकी आर्थिक क्षमता सीमित थी, लेकिन अब इसे निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए खोलने के बाद यह उद्योग लगभग 8 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। ऐसे में अब सरकार का अनुमान है कि वर्तमान विकास दर के हिसाब से आगामी 8 से 10 वर्षों में भारत की स्पेस इकोनॉमी 40 से 45 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
पीएम मोदी ने 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश फंड घोषित किया
वहीं इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ये पहले ही कह चुके हैं कि भारत का लक्ष्य अगले दशक में वैश्विक कमर्शियल स्पेस मार्केट में अपनी हिस्सेदारी को 2% से बढ़ाकर 8-10% तक पहुंचाना है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने डीप-टेक्नोलॉजी क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता देते हुए हाल ही में 1 लाख करोड़ रुपये (लगभग 11.1 अरब डॉलर) का निवेश फंड घोषित किया है। यह फंड उन प्रोजेक्ट्स के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जो ‘टेक्नोलॉजी रेडिनेस लेवल 4’ या उससे ऊपर के हैं, जिसका उद्देश्य रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भारत की अंतरिक्ष एवं तकनीकी क्षमता को मजबूत करना है।

