कहा, उम्मीद है कि अमेरिका भारत पर टैरिफ को घटाकर 15 प्रतिशत कर देगा
US-India Tariff Dispute (आज समाज), बिजनेस डेस्क : पिछले कुछ माह से भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में आई खटास कुछ हद तक कम हो गई है। एक तरफ जहां भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता न केवल दोबारा शुरू हुई है बल्कि इसके बहुत जल्द ही सार्थक परिणाम सामने आ सकते हैं। वहीं अब भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
दरअसल गुरुवार को वी. अनंत नागेश्वरन ने भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद अगले दो महीनों में सुलझ सकता है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अमेरिका की ओर से भारत के खिलाफ लगाया गया दंडात्मक टैरिफ वापस लिए जाने की संभावना है। नागेश्वरन ने यह भी संकेत दिया कि पारस्परिक टैरिफ को 25 प्रतिशत से घटाकर लगभग 15 प्रतिशत करने के लिए बातचीत चल रही है। इससे निर्यातकों में आशा की किरण जगी है। मर्चेंट चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीईए ने ये बातें कहीं।
अमेरिका ने अगस्त में भारत पर लगाया था टैरिफ
ज्ञात रहे कि अमेरिका ने भारत पर सात अगस्त को 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। इसके बाद एक बार दोबारा 27 अगस्त को फिर से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाते हुए इसकी कुल दर 50 प्रतिशत कर दी थी। इतना भारी भरकम टैरिफ लगने से भारतीय निर्यातकों में मायूसी छा गई और उन्होंने अमेरिकी बाजार से किनारा कर लिया। इसका परिणाम यह निकला की जून से लेकर अगस्त तक लगातार तीन माह तक भारत द्वारा अमेरिका को किया जा रहा निर्यात गिरा।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क वृद्धि फैसले के बाद दोनों देशों के संबंध कुछ समय के लिए तनावपूर्ण हो गए थे। लेकिन, शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर अनुकूल संकेत मिलने के बाद हाल ही में दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर चर्चा फिर शुरू हुई है।
अमेरिका की भारत पर आर्थिक चोट पहुंचाने की कोशिश
अमेरिकी राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप अपने हैरानीजनक फैसलों से लगातार पूरे विश्व को हैरत में डाल रहे हैं। ताजा मामले में अमेरिका ने यह घोषणा की है कि उसने ईरान के चाबहार बंदरगाह को विकसित करने की अनुमति देने वाली 2018 की प्रतिबंध छूट वापस ले ली है। जानकारों का कहना है कि अमेरिका ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं। एक तो उसने ईरान पर अपना सख्त रुख जाहिर किया है वहीं आर्थिक मोर्चे पर भारत को एक बार फिर से चोट पहुंचाई है।
अब 29 सितंबर से अमेरिकी ट्रेजरी चाबहार बंदरगाह का संचालन करने वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध को लागू करेगी। ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति या कंपनी चाबहार बंदरगाह का आॅपरेशन संभालती है तो उस पर अमेरिका में प्रतिबंध लग जाएगा। इसे भारत के लिए बहुत बड़ा झटका बताया जा रहा है। भारत ने चाबहार बंदरगाह को विकसित करने में अरबों रुपये का निवेश किया है। ऐसे में अमेरिकी प्रतिबंध से न सिर्फ निवेश डूबने का खतरा है, बल्कि भारत की रणनीतिक तैयारियों को भी झटका लगेगा।
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