आज नई दिल्ली में मिलेंगे भारत और रूस के रक्षा मंत्री
Russian President India Visit (आज समाज), नई दिल्ली : रूस और भारत के बीच आपसी रिश्तों को आज नया आयाम मिल सकता है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा पर आज नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुतिन के साथ एक अहम बैठक करेंगे। वहीं रूसी राष्ट्रपति के साथ उनका उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत पहुंच रहा है। जिसमें रूसी रक्षामंत्री भी शामिल हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार आज शाम रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव और राजनाथ सिंह के बीच शाम 5 बजे साउथ ब्लॉक में एक अहम मुलाकात होगी। राजनाथ और बेलौसोव की इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर उच्च-स्तरीय चर्चा होगी।
भारत के लिए इसलिए अहम है एस-500 एयर डिफेंस सिस्टम
भारत एस-400 एयर डिफेंस प्रणाली की और खेप खरीदने का इच्छुक है। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान एस-500 पर भी बातचीत हो सकती है। यदि एस-500 पर बात होती है तो यह सौदा दक्षिण एशिया की भू-राजनीतिक तस्वीर बदल सकता है। इससे भारत को चीन और पाकिस्तान पर निर्णायक रणनीतिक बढ़त हासिल हो जाएगी। राजनाथ से मुलाकात से पहले बेलौसोव को सेना के तीनों अंगों की साझा टुकड़ी सलामी देगी। बेलौसोव एक अर्थशास्त्री हैं। पश्चिमी देशों के तमाम प्रतिबंधों और यूक्रेन से चलते लंबे युद्ध के बावजूद रूस की अर्थव्यवस्था पटरी पर बनाए रखने का श्रेय बेलौसोव को दिया जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 सिस्टम रहा कारगर
मई में पाकिस्तान के खिलाफ आॅपरेशन सिंदूर में एस-400 ने सैंकड़ों किलोमीटर अंदर पाकिस्तान के कई लड़ाकू विमानों को मार गिराया। इससे एस-400 देश की एकीकृत एयर डिफेंस संरचना की रीढ़ बनकर उभरा। यह देखते हुए भारत और एस-400 खरीदना चाहता है। तेजी से बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल में भारत के लिए वायु रक्षा प्रणाली बेहतर करना काफी जरूरी भी है।
बैठक का सबसे अहम पहलू एस-400 एयर डिफेंस प्रणाली होगा। भारत ने 2018 में रूस से पांच एस-400 रेजिमेंट का सौदा किया था। इनमें से तीन रेजिमेंट भारत के पास हैं। शेष दो 2026 तक मिलने की संभावना है। राजनाथ और बेलौसोव के बीच शेष खेप की समय सीमा पर बात होगी। साथ ही मेक इन इंडिया के तहत संयुक्त रक्षा उत्पादन, भविष्य की उन्नत प्रणालियों पर सहयोग और लंबी अवधि के सामरिक सहयोग पर भी बातचीत होगी। इसके अतिरिक्त भारत रूस से पांच एस-400 प्रणालियां और खरीदने का इच्छुक है। पुतिन की यात्रा में इस सौदे पर मुहर लग सकती है। एस-400 प्रणाली में उपयोग की जाने वाली मिसाइलों के स्वदेशी निर्माण पर भी बात बन सकती है।


