SC/ST Act cases complainants : एससी/एसटी एक्ट मामलों में शिकायतकर्ताओं को अनिवार्य रूप से दें सुनवाई का मौका: उपायुक्त

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In SCST Act cases, complainants must be given a chance to be heard Deputy Commissioner
जिला सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की त्रैमासिक बैठक लेते उपायुक्त डा. मुनीश नागपाल।
  • गैर अनुसूचित जाति के व्यक्ति द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्ति पर अत्याचार करने पर एक्ट के तहत कार्यवाही का प्रावधान

Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क )चरखी दादरी। एससी/एसटी एक्ट से संबंधित मामलों का निपटारा करने से पूर्व शिकायतकर्ता को सुनवाई का अवसर अवश्य प्रदान करें। यह बात उपायुक्त डा. मुनीश नागपाल ने आज अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आयोजित जिला सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

डा. नागपाल ने कहा कि प्राकृतिक न्याय के अनुसार शिकायतकर्ता को सुनवाई का मौका देना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर जांच के दौरान पुलिस किसी मामले को रद्द करती है तो उसके पुख्ता सबूत होने जरूरी है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बैठक के एजेंडा में शामिल सभी मामलों के शिकायतकर्ताओं के मोबाइल नंबर भी लिखे जाए ताकि समिति के अन्य सदस्य शिकायतकर्ताओं से बातचीत करके उनकी संतुष्टि की जानकारी ले सकें।

अगर कोई गैर अनुसूचित जाति का व्यक्ति किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति पर किसी भी तरह का अत्याचार करता है तो उस स्थिति में एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान

उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बैठक का एजेंडा कम से कम एक सप्ताह पूर्व समिति के सदस्यों को भेजा जाए ताकि वे इसका आसानी से अध्ययन कर सकें। बैठक में बताया गया कि अगर कोई गैर अनुसूचित जाति का व्यक्ति किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति पर किसी भी तरह का अत्याचार करता है तो उस स्थिति में एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। इस स्थिति में पीडि़त को 85 हजार से लेकर आठ लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है। यह राशि विभिन्न प्रकार के अत्याचारों जैसे , चल-अचल संपत्ति का नुकसान, स्थाई अथवा अस्थाई अपंगता, बलात्कार तथा हत्या आदि के मामलों में प्रदान की जाती है।

बैठक में जिला कल्याण अधिकारी एवं समिति के सदस्य सचिव नरेंद्र सिंह ने बताया में बताया गया कि अधिनियम की धारा 3 व नियम 12(4) के तहत 85 हजार से लेकर आठ लाख तक की सहायता प्रदान की जाती है। अधिनियम के तहत पीडि़त व्यक्तियों को राहत व पुनर्वास की सुविधा भी प्रदान की जाती है। बैठक में 16 जुलाई से से लेकर 30 नवंबर तक के दर्ज केसों में प्रदान की गई राशि का विवरण प्रस्तुत किया गया। अब तक 17 लाख 60 हजार रूपये की को आर्थिक सहायता पीडि़तों दी जा चुकी है । उन्होंने बताया कि कुल दर्ज 11 केसों में 3 को अखराज किया जा चुका है। इस अवसर पर डीएसपी रमेश, टीडब्ल्यूओ कविराज सांगवान, सुरेश कुमार, विनोद कुमार, प्रवीण सैनी, संदीप भगत सिंह, कृष्ण कुमार मौजूद रहे।

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