- 34 कैडेट्स बने 14 मित्र देशों की सेनाओं का हिस्सा
Indian Military Academy Dehradun, देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में आज 157वीं पासिंग आउट परेड (पीओपी) का आयोजन किया गया। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने परेड का निरीक्षण किया और पास आउट हो रहे आफिसर कैडेट की सलामी ली।
कुल 525 आफिसर कैडेट सेना में शामिल हुए

पीपिंग व ओथ सेरेमनी के साथ कुल 525 आफिसर कैडेट सेना में शामिल हुए, जिनमें से 491 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले। इसके अलावा 34 कैडेट 14 मित्र देशों की सेनाओं का हिस्सा बने। पासिंग आउट परेड के मौके पर आयोजित समारोह में गौरव, परंपरा व सैन्य अनुशासन की झलक देखने को मिली। सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले कैडेट्स को शुभकामनाएं दीं। निष्कल द्विवेदी को स्वॉर्ड आफ आनर व स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा की शुरूआत : सेना प्रमुख
थल सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में युवा अधिकारियों के उच्च स्तरीय अनुशासन, नेतृत्व क्षमता व सहनशक्ति की खूब तारीफ। उन्होंने युवा अधिकारियों का सेना की गौरवशाली परंपराओं का निर्वहन करने के साथ प्रतिबद्धता निष्ठा, तथा सम्मान के साथ देश की सेवा करने का आह्वान किया। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, सेना में कमीशन हासिल करना सिर्फ प्रशिक्षण की समाप्ति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति आजीवन कर्तव्य व निस्वार्थ सेवा की शुरूआत है।
सर्वोच्च बलिदान की मांग करती है सेना की नौकरी
सेना की नौकरी एक ऐसी जिम्मेदारी है जो सर्वोच्च बलिदान की मांग करती है। उन्होंने कहा, अकादमी से पास आउट होने के बाद भले ही हर कदम पर आपका कोई मार्गदर्शक न हो, पर तब आपके कंधों पर बड़ा दायित्व होगा। बतौर एक अफसर आपका अनुशासन आचरण तथा निर्णय लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा। सेना प्रमुख ने कहा, देश व समाज आपको एक रोल मॉडल के तौर पर देखेगा और ऐसे में आपके हर कार्य में कर्तव्य, मूल्य व देश के प्रति निष्ठा झलकनी चाहिए। उन्होंने कैडेट्स से जीवन भर समर्पण, सेवा, तथा नेतृत्व के मूल्यों को अपनाए रखने का आह्वान किया।
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