Sahab Singh Saini Passes Away: थानेसर के पूर्व विधायक साहब सिंह सैनी का निधन

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Sahab Singh Saini Passes Away: थानेसर के पूर्व विधायक साहब सिंह सैनी का निधन
Sahab Singh Saini Passes Away: थानेसर के पूर्व विधायक साहब सिंह सैनी का निधन

आज कुरुक्षेत्र के देवीदासपुरा के श्मशान घाट में किया जाएगा अंतिम संस्कार
Sahab Singh Saini Passes Away, (आज समाज), कुरुक्षेत्र: थानेसर से पूर्व विधायक साहब सिंह सैनी का गत शाम निधन हो गया। साहब सिंह सैनी 85 साल के थे। सात दिन पहले ही उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया था। आज कुरुक्षेत्र के देवीदासपुरा के श्मशान घाट में सुबह 11 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। साहब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र के सेक्टर-4 में अपने परिवार के साथ रहते थे। वह कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। साहब सिंह सैनी को इलाज के लिए पंचकूला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार शाम करीब 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

कुरुक्षेत्र के गांव फालसंडा में हुआ था साहब सिंह सैनी का जन्म

साहब सिंह सैनी का जन्म कुरुक्षेत्र के बाबैन खंड के फालसंडा गांव में 7 दिसंबर 1940 को हुआ था। 7 दिसंबर को वह 85 साल के हुए। इस दौरान वह अस्पताल में भर्ती थे। वह उम्र से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे। उनकी पत्नी जमंत्री देवी का करीब 9 साल पहले 2016 में निधन हो गया था। उनके बेटे विनोद और तुषार सैनी एडवोकेट हैं।

1982 में पहली बार बने विधायक

साहब सिंह सैनी 1982 में लोकदल के टिकट पर अपने पहले ही चुनाव में विधायक बने थे। उन्होंने 22,893 वोट हासिल करके कांग्रेस के ओमप्रकाश गर्ग को 2,195 वोटों से हराया था। तब इन्हें ग्रामीण विकास और हस्तशिल्प उद्योग का चेयरमैन भी बनाया गया। इसके बाद वे कांग्रेस में भी रहे। 2014 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। अब तक वह पार्टी में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य थे।

1987, 1991 और 1996 करना पड़ा हार का सामना

साहब सिंह सैनी ने 1987 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्हें लोकदल के गुरदियाल सिंह से हार का सामना करना पड़ा। फिर वे हरियाणा विकास पार्टी के संस्थापक बंसीलाल के साथ जुड़ गए। इसी पार्टी से उन्होंने 1991 और 1996 में तीसरा व चौथा चुनाव लड़ा। इन दोनों चुनाव में वे तीसरे स्थान पर रहे।

10 साल रहे कांग्रेस में, 2014 में भाजपा में हुए शामिल

साल 1996 के बाद साहब सिंह ने हरियाणा विकास पार्टी को अलविदा कह दिया और कांग्रेस में चले गए। 2004 में कांग्रेस ने इन्हें कुरुक्षेत्र से जिला अध्यक्ष नियुक्त किया। 10 साल वह कांग्रेस में ही रहे। 2014 में केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।