(Faridabad News) फरीदाबाद। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन (एमआरईआई) की सामाजिक शाखा, डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन ने अपनी प्रतिबद्धता को शिक्षा और सतत विकास के प्रति दोहराते हुए रद्दी रीसायकल पहल के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस पहल के माध्यम से अब तक 55,000 किलोग्राम बेकार कागज और गत्ते को रीसायकल कर सरकारी स्कूलों और एनजीओ में पढ़ने वाले बच्चों के लिए नोटबुक में बदला गया है।
साल 2022 में शुरू हुई इस पहल के अंतर्गत मानव रचना परिसर में एकत्र किए गए कागज को उपयोगी नोटबुक में परिवर्तित किया जाता है, जो सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लक्कड़पुर, अंकिर, भांकरी) और लोरिया प्रगतिशील अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन जैसे संगठनों के विद्यार्थियों को वितरित किए जाते हैं।
इस पहल के अंतर्गत 25,000 से अधिक नोटबुक तैयार की जा चुकी
अब तक इस पहल के अंतर्गत 25,000 से अधिक नोटबुक तैयार की जा चुकी हैं, जिनमें से 15,000 से अधिक नोटबुक छात्रों तक पहुंच चुकी हैं। यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा की पहुँच को एक साथ साधने का परिचायक है। फाउंडेशन की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर डॉ. वैशाली माथुर ने कहा कि यह पहल हमारी सोच को दर्शाती है कि कैसे हम सतत विकास को शिक्षा से जोड़ सकते हैं।
डॉ. एन.सी. वाधवा, महानिदेशक, एमआरईआई और उपाध्यक्ष, डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन ने कहा कि हर रीसायकल की गई नोटबुक के पीछे छात्रों, स्टाफ और स्वयंसेवकों का समर्पण है, जो सामूहिक प्रयासों से प्रभाव पैदा करने में विश्वास रखते हैं। सत्य भल्ला, मुख्य संरक्षक, एमआरईआई और चेयरपर्सन, डॉ. ओ.पी. भल्ला फाउंडेशन ने कहा कि यह पहल डॉ. ओ.पी. भल्ला के समावेशी और सशक्त भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है।
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