Punjab Breaking News : पंजाब सीमा से बढ़े नशा व हथियार तस्करी के मामले

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Punjab Breaking News : पंजाब सीमा से बढ़े नशा व हथियार तस्करी के मामले
Punjab Breaking News : पंजाब सीमा से बढ़े नशा व हथियार तस्करी के मामले

ड्रोन तस्करी से निपटना कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया

Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब की एक लंबी सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है। यह हमेशा से ही भारत और पंजाब के लिए संवेदनशील रही है। मैदानी और आबादी वाली जगह होने के कारण शुरू से ही पंजाब सीमा को हथियार और नशा तस्करी के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। पहले जहां मानव तस्करी करते थे वहीं अब तस्कर तकनीक का प्रयोग करते हुए ड्रोन के माध्यम से यह काम कर रहे हैं। जिसके कारण भारत-पाक सीमा पर ड्रोन से तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे है। पाकिस्तान की ओर से आए दिन ड्रोन के जरिए हथियारों और नशे की खेप भारत में गिराई जा रही है।

पंजाब के इन जिलों से हो रही ज्यादा कोशिश

राज्य के चार जिलों अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर व गुरदासपुर में इसके केस बढ़े हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार ड्रोन तस्करी से निपटना कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। वर्ष 2022 में ड्रोन से तस्करी के 35 मामले सामने आए थे और वर्ष 2021 में मात्र तीन केस ही रजिस्टर हुए थे। अगर बीते चार साल की बात करें तो यह बढ़ोतरी करीब 90 गुना है। बरामद नशीले पदार्थ में ज्यादातर हेरोइन, अफीम होती है। वर्ष 2024 में पंजाब में सबसे अधिक 163 केस सामने आए, जिनमें 187 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी गई है जबकि 5.39 किलो मेथामफेटामाइन और 4.22 किलो अफीम जब्त की गई है।

दूसरे राज्यों से कहीं ज्यादा हैं पंजाब के मामले

पिछले साल राजस्थान में 15 और जम्मू-कश्मीर में तस्करी का 1 केस सामने आया था। इस दौरान राजस्थान में जहां 39 किलो हेरोइन जब्त की गई। वहीं जम्मू-कश्मीर में 344 ग्राम हेरोइन पकड़ी गई। रिपोर्ट के अनुसार इंजेक्शन के जरिए नशीली दवाओं का उपयोग भी बढ़ रहा है। वर्ष 2024 में 4.54 करोड़ रुपये मूल्य की 2,75,272 यूनिट्स जब्त की गईं। पंजाब और महाराष्ट्र में इसका सबसे अधिक उपयोग हो रहा है।

एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदे गए

सरकार ने 51.41 करोड़ रुपये की लागत से 9 अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदे हैं। ये सिस्टम न केवल ड्रोन और उसके कंट्रोल स्टेशन की सटीक लोकेशन का पता लगाने में सक्षम हैं, बल्कि रीयल-टाइम मैप पर अलर्ट और खतरे की स्वचालित चेतावनी देने की क्षमता भी रखते हैं। इस तकनीक को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए सीमावर्ती जिलों के 50 पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें सिस्टम के संचालन और फील्ड में इसके उपयोग की बारीकियां शामिल हैं। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को भारत में छिपे उन लोगों का भी पता लगना होगा जोकि पाक के नशा तस्करों के संपर्क में है और वहां से नशीले पदार्थ मंगवा रहे है।

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