Vinayaka Chaturthi Aarti: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर करें इस आरती का पाठ

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Vinayaka Chaturthi Aarti: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर करें इस आरती का पाठ
Vinayaka Chaturthi Aarti: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर करें इस आरती का पाठ

सुख-समृद्धि में होती है वृद्धि
Vinayaka Chaturthi Aarti, (आज समाज), नई दिल्ली: विनायक चतुर्थी की तिथि पर मुख्य रूप से भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से साधक के सभी बिगड़े काम बन सकते हैं। इस दिन व्रत और गणपति जी की पूजा-अर्चना से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। ऐसे में इस दिन पर पूजा के दौरान गणेश जी की आरती व मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए, ताकि आपको पूजा का पूरा फल मिल सके।

गणेश जी की आरती

  • जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
  • एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
  • जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
  • पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
  • जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
  • अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
  • जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
  • ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
  • जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
  • दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
  • जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
  • भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय

गणेश जी के मंत्र

  • कदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात।।
  • गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
  • ॐ गंग गणपतये नमो नम:
  • वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकायेर्षु सर्वदा।।
  • एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:।
    प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।