अमेरिका ने जंग खत्म करने के लिए पेश किया है 28 सूत्रीय प्रस्ताव
Russia-Ukraine War (आज समाज), कीव : रूस और यूक्रेन के बीच पिछले काफी लंबे समय से युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में जहां हजारों लोगों की जान चली गई है वहीं लाखों लोग अपने घर खो चुके हैं। इसके साथ ही दोनों देश को कई अरब डालर का नुकसान उठाना पड़ा है। अमेरिका का दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप लगातार दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी को लेकर पिछले दिनों अमेरिका ने युद्ध खत्म करने के लिए 28 सूत्रीय शांति प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर जिनेवा में चर्चा चल रही है।
यूक्रेन ने पहले आरोप लगाया था कि यह प्रस्ताव रूस के पक्ष में झुका हुआ है। वहीं रूस का भी कहना है कि उसे इस प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल नहीं किया गया। हालांकि अमेरिका-यूक्रेन बैठक के बाद यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि नए संशोधित प्रस्ताव में उनकी अधिकांश प्राथमिकताओं को शामिल किया गया है। यूक्रेन की सुरक्षा परिषद के सचिव और मुख्य वातार्कार रुस्तेम उमेरोव ने बताया कि प्रस्ताव का वर्तमान मसौदा यूक्रेन की प्रमुख शर्तों को काफी बेहतर तरीके से दर्शाता है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने जताया आभार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जीरो ग्रैटिट्यूड वाले तंज के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने रुख में नरमी दिखाई है। जेलेंस्की ने अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों का सार्वजनिक रूप से आभार जताया, जिससे दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव में थोड़ी नरमी के संकेत मिले हैं। रविवार को ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर जेलेंस्की पर सीधा हमला बोला था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि यूक्रेनी नेतृत्व ने युद्ध रोकने में अमेरिका द्वारा किए गए प्रयासों के लिए जरा भी शुक्रिया नहीं कहा।
ट्रंप ने कहा मुझे ऐसा युद्ध विरासत में मिला, जो होना ही नहीं चाहिए था। यूक्रेन लीडरशिप हमारे प्रयासों पर जरा भी आभार नहीं जताती और यूरोप लगातार रूस से तेल खरीद रहा है। ट्रंप की पोस्ट के कुछ घंटों बाद ही जेलेंस्की ने एक्स पर लिखकर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा यूक्रेन संयुक्त राज्य अमेरिका का, हर अमेरिकी नागरिक का और व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति ट्रंप का आभारी है। जेवलिन मिसाइलों से लेकर आज तक मिली सहायता ने अनगिनत यूक्रेनियों की जान बचाई है। यह बयान ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच अमेरिकी शांति प्रस्ताव को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है।
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