Vice President Election : भाजपा सचिव से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार तक सीपी राधाकृष्णन का सफर

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Vice President Election : भाजपा सचिव से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार तक सीपी राधाकृष्णन का सफर
Vice President Election : भाजपा सचिव से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार तक सीपी राधाकृष्णन का सफर

रविवार को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति पद के एनडीए उम्मीदवार के रूप में घोषणा

Vice President Election  (आज समाज), नई दिल्ली : पिछले दिनों देश के उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद अब दोबारा से इस पद के लिए चुनाव की तैयारी चल रही है। आपको बता दें कि 9 सितंबर को देश के नए उपराष्टÑपति पद के लिए वोटिंग होगी। इसी बीच रविवार को एनडीए गटक दलों की बैठक में सर्वसम्मति से झारखंड के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद प्रत्याशी के रूप में चुन लिया गया है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मुझे बताते हुए ये खुशी हो रही है कि संसदीय बोर्ड की बैठक में सीपी राधाकृष्णन को उपराष्टÑपति पद का उम्मीदवार चुन लिया गया है।

सीपी राधाकृष्णन के पास राजनीति का लंबा अनुभव

ज्ञात रहे कि तमिलनाडु में भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। राज्यपाल के तौर पर उनके पास लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है। वे वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल पद पर विराजमान हैं। सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्तूबर बर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में हुआ। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की पढ़ाई की। उनका राजनीतिक सफर आरएसएस से शुरू हुआ। 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।

1996 में बने तमिलनाड़ भाजपा सचिव

साल 1996 में इनको भाजपा तमिलनाडु का सचिव बनाया गया। इसके बाद 1998 में कोयंबटूर से ये पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए और 1999 में फिर से जीत का परचम लहराया। साथ ही संसद में उन्होंने टेक्सटाइल पर स्थाई समिति के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है। ये पीएसयू समिति, वित्त पर परामर्श समिति और शेयर बाजार घोटाले की जांच करने वाली विशेष समिति के सदस्य भी रहे हैं। साल 2004 में इन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को भारतीय संसदीय दल के हिस्से के रूप में संबोधित भी किया है। ये ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे।

19 हजार किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाली

2004 से 2007 तक वे भाजपा तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली, जो 93 दिनों तक चली। इस यात्रा में उन्होंने नदियों को जोड़ने, आतंकवाद खत्म करने, समान नागरिक संहिता लागू करने, छुआछूत समाप्त करने और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान जैसे मुद्दे उठाए। माना जाता है इस यात्रा से इनका राजनीतिक कद और बढ़ गया था। इसके अलावा उन्होंने दो पदयात्राएं भी कीं। 2016 से 2020 तक वे कोचीन स्थित कोयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे।