सार्वजनिक प्रेस कांफ्रेंस में शुगर मिल में करोड़ों की अनियमितताओं का खुलासा

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Cooperative Sugar Mill In karnal
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इशिका ठाकुर, Karnal News:  करनाल में सहकारी शुगर मिल भ्रष्टाचार अनियमितताओं और सरकार को करोड़ों रुपयों चूना लगाने का एक बड़ा केंद्र बनकर रह गई है। शुगर मिल को भ्रष्टाचार और लापरवाही का घुन खोखला कर रहा है।मुख्यमंत्री ने इसके नवीनीकरण पर करोड़ों खर्च किए,लेकिन इसमें भी अनियमितताएं बरती गई ।

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इस तरह से हो रहा नुकसान

शुगर मिल में नवीन ईकाई भी स्थापित की। करनाल की लाइफ लाइन कही जाने वाली शुगरमिल में गंभीर अनियमितताओं के लिए जिला कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल की ओर से जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह के नेतृत्व में करनाल के मंडल आयुक्त संजीव वर्मा को शिकायत पत्र दिया करनाल शुगर मिल को उद्घाटन के कुछ समय बाद अधिकारियों ने इसजैक नोएडा को स्वार्थ सिद्धि के लिए बिना प्रदूषण नियंत्रण विभाग से अनुमति लिए बिना ट्राइल की अनुमति दे दी। 8 अप्रैल से 17 मई तक बिना अनुमति के चलाई। इस पर राज्य प्रदूषण बोर्ड ने प्रबंधन पर 33 लाख का जुर्माना लगा दिया। निदेशक मंडल की अनुमति के बिना प्रबंधन ने जुर्माने की रकम अदा कर दी। इससे भारी नुकसान हुआ।उन्होंने बताया कि करनाल शुगर मिल. ने 11-10-2021 को खत्म हुए पेराई सत्र के लिए फासफोरिक एसिड नामक कैमीकल दिल्ली की विजन कैम फर्म से एक लाख पच्चीस हजार किलो 138 रुपए प्रति किलो के हिसाब के साथ जीएसटी शामिल कर क्रय आदेश नंबर 3988 दिनांक 11-10-21 से इस शर्त पर खरीदा कि सप्लाई समय पर नहीं देने पर विजन कैम के जोखिम पर किसी और माध्यम से कर ली जाएगी।

ये भी अनियमितताएं बरतीं

Cooperative Sugar Mill In karnal
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12 दिन बाद मिल ने एक लाख 20 हजार किलो फासफोरिक एसिड का एक और क्रय आदेश नंबर 4159 दिनांक 23-12-21 को दर 240 रुपए जमा जीएसटी जारी कर दिया। इसके कारण शुगर मिल को एक करोड़ 42 लाख 80 हजार रुपए का नुकसान हुआ।. इंजीनियरिंग तथा मैन्युफैक्चरिंग शाखा के 201 कर्मचारी भी ठेकेदार इसजैक यमुनानगर के निदेर्शों पर काम करेंगे। जिनका मासिक वेतन लगभग एक करोड़ रुपया अलग से रहता है। कंग्रेस नेता ने बताया कि असन्ध के हैफेड चीनी मिल असंध में 2500 टीसीडी की क्षमता अपनी चीनी मिल से चीनी तैयार करने का ठेका गलोबल केन शुगर को पेराई सत्र 2021 के लिए आफ सीजन में 150 लाख और 75 लाख में दिया गया। जबकि सहकारी चीनी मिल करनाल में ठेका देते समय पेराई क्षमता 2200 टीडीसी नए प्लांट को चालू होने पर पेराई क्षमता 3500 टीडीसी ने आपरेशन मेंटेंनेंस और प्रोडक्शन एग्रीमेंट ठेकेदार इसजैक यमुनानगर से आफ सीजन के लिए 11 करोड़ तथा सीजन के लिए साढ़े 11 करोड़ में दे दिया। इस तरह से मिल को चूना लगा।

अवैध बिजली कनेक्शन देकर चूना लगाया

मिल प्रबंधन ने नये प्लांट लगाने वाले ठेकेदार इसजैक नोएडा को बिना अनुबंध,बिना निदेशक मंडल अनुमति, बिना किसी रिकॉर्ड तैयार किए,व सब मीटर लगवाए मिल की बिजली का अवैध कनेक्शन दे दिया। व इस दिए गए कनेक्शन पर मिल प्रबंधन ने अपने पत्र नंबर एस एम के -21/आर टी आई/08 दिनांक 5-5-21 से कनेक्शन न देना बताकर, ठेकेदार द्वारा अपने जेनरेटरों से सारे कार्य करना बतलाया। ठीक 2 माह बाद मिल के उप मुख्य लेखाधिकारी ने पत्र नंबर 2179 दिनांक 2-7-21 से सूचना दी कि ठेकेदार इसजैक नोएडा को दिनांक 10-1-2020 से बिजली दी जा रही है जिस का डेबिट नोट जारी कर दिया गया है। ठीक 5 माह बाद मिल प्रबंधन ने पंजीयक महोदय, सहकारी चीनी मिल प्रसंध को पत्र नंबर एस एम के -21/जनरल/5152 से सूचना दी कि ठेकेदार इसजैक नोएडा को दिनांक 10-2-2020 से उसकी मांग अनुसार बिजली दी गई थी जिस का 545151/- रुपए का डेबिट नोट जारी कर दिया गया है, इसके ठीक 4 माह बाद पत्र नंबर 207 दिनांक 16-4-22 में एक और डेबिट नोट,398776/- रुपए जारी किया जाना बताया। 2 करोड़ रुपए की दी गई बिजली की 942927/- रुपए की बिजली दी हुई मानी।

कोरोना काल के कारण नया प्लांट समय पर तैयार नहीं हुआ

264 करोड़ रुपए का प्लांट,सारे कार्य यहां, जबकि वास्तव में यह लगभग 2 करोड़ रुपए का बिजली बिल बनता है, जिसकी तुलना पानीपत सहकारी चीनी मिल के नये लगे प्लांट से करवाते हुए संबंधित अधिकारियों व ठेकेदार इसजैक नोएडा से मय ब्याज व जुमार्ना वसूला । उन्होंने बताया कि कोरोना काल के कारण नया प्लांट समय पर तैयार नहीं हुआ था, इस अनुबंध पर कोई कार्य नहीं करवाया गया, दूसरे पिराई सत्र 2021-22 से पहले सूचना मांगने के कारण इस अनुबंध पर कोई कार्य नहीं करवाया गया। लेकिन मिल प्रबंधन नये प्लांट लगाने वाले ठेकेदार इसजैक नोएडा को दिनांक 13-3-21 से 20-4-21 तक 31,50,400/- रुपए का दिया गया डीजल अपने पत्र नंबर 6286 दिनांक 11-3-22 में ठेकेदार इसजैक यमुनानगर को दिखाया जा रहा है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिस समय में डीजल दिया गया उस समय मिल के ब्वायलर अपनी बिजली पैदा कर रहे थे और ना तो पुराने और ना ही नये प्लांट में कोई एक मशीनरी ऐसी है, जिसमे डीजल का प्रयोग होता हो, बिजली ना होने पर केवल जेनरेटर में डीजल लगता है।

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