जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी नई दरों की घोषणा
GST Council Meeting Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को किए गए ऐलान के बाद अब हर भारतवासी जीएसटी दरों में बदलाव और नई दरों के बारे में जानने के लिए उत्सुक है। सभी की उत्सुकता आज नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की बैठक समाप्त होने के बाद पूरी हो जाएगी। क्योंकि भारत की वित्त मंत्री इस बैठक के बाद जीएसटी दरों में बदलाव और नई दरों के बारे में विस्तृत जानकारी देशवासियों से साझा करेंगी। आपको बता दें कि जीएसटी परिषद की बैठक 3 व चार सितंबर को दिल्ली में हो रही है।
जीएसटी परिषद के 33 सदस्य लेंगे नई दरों पर फैसला
इस बैठक में 33 सदस्यीय समिति आठ साल पुराने जीएसटी कर ढांचे में बड़े बदलावों पर चर्चा कर रहे हैं। सदस्य मौजूदा करों के चार स्लैब की बजाय 5% और 18% के दो स्लैब पर ही विचार करेंगे। वहीं 12% और 28% के स्लैब को खत्म किया जा सकता है। इसके अलावे, एक 40% का अतिरिक्त स्लैब भी लाने की तैयारी है। इस बैठक में कंद्रीय वित्त मंत्री ,राजस्व और वित्त के प्रभारी कंद्रीय राज्य मंत्री और राज्यों द्वारा नामित मंत्री शामिल होते हैं। बता दें कि निर्मला सीतारमण जीएसटी परिषद की प्रमुख हैं। वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए बने मंत्रिसमूह के संयोजक हैं।
जीएसटी के चार की जगह दो स्लैब रह जाएंगे
केंद्र सरकार जीएसटी के मौजूदा स्ट्रक्चर को सरल करने के लिए दो स्लैब 5% और 18% लागू करने का प्रस्ताव ला रही है। वहीं लग्जरी आइटम्स 40% के दायरे में आएंगे। अभी जीएसटी के 4 स्लैब- 5%, 12%, 18%, और 28% हैं। नई टैक्स दरें 22 सितंबर से लागू हो सकती हैं। ताकि नवरात्रि के त्योहारी सीजन में कई सेक्टरों में डिमांड और सेल्स में तेजी आ सके। वहीं काउंसिल के फैसले के बाद 5 से 7 दिनों के भीतर आॅफिशियल नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है।
मंत्री समूह से मिल चुकी है मंजूरी
जीएसटी दरों में बदलाव संबंधी एक अहम बैठक में पिछले हफ्ते ग्रुप आॅफ मिनिस्टर्स ने केंद्र सरकार के दो स्लैब वाले प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 21 अगस्त को बताया था कि ग्रुप ने मौजूदा 12% और 28% की दरों को हटाकर 5% और 18% के स्ट्रक्चर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
नई दरों से कंज्यूमर गुड्स की कीमतों में कमी आने की संभावना है। जिससे त्योहारी सीजन में खरीदारी को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, राज्यों को राजस्व में कमी की चिंता है, जिसे केंद्र सरकार कई उपायों से हल करने की कोशिश कर रही है। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। जिसके बाद देश में एक सिंपल एंड कंज्यूमर फ्रेंडली टैक्स सिस्टम लागू हो सकता है।
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