- मानव बने मानव का सहारा का दिया संदेश
(Chandigarh News) चंडीगढ। आज मनीषी संतमुनि श्रीविनय कुमारजीआलोक ठाणा 2 का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश अणुव्रत भवन सैक्टर 24 सी चंडीगढ़ मे हुआ। इस दौरान मनीषीसंत के सानिध्य मे मानव कल्याण यात्रा किसान भवन से शुरू होते हुए अणुव्रत भवन सैक्टर 24 सी से मे पहुंची।इस अवसर पर अनेको श्रावक श्राविकाओं ने किसान भवन से पैदल यात्रा कर मनीषीसंत के साथ अणूुव्रत भवन मे प्रवेश किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम मे तेरापंथ सभा चंडीगढ के अध्यक्ष वेद प्रकाश जैन, श्री विजय शर्मा, श्री विजय गोयल, श्री अंकित जैन, विजय जैन, श्रीमती सरिता बोथरा, श्रीमती शांता चोपडा आदि ने अपने विचारो की अभिव्यक्ति दी। इस अवसर पर प्रज्ञा जैन गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन श्री सलील बंसल ने किया।
मनीसंत ने कहा जीवन की सुंदरता, प्रेम, करुणा व दया सहनशीलता के कारण है। समाज में अमीर, गरीब, जाति धर्म, प्रांत, संस्कृति को लेकर जब विवाद होते हैं तो जीवन की सुंदरता समाप्त हो जाती है। इस समागम का उद्देश्य विश्व में प्रेम व भाईचारे का संदेश देना है। भाषा, संस्कृति, रिति रिवाजों, पहनावों में भिन्नता है परंतु अनेकता के होते हुए भी सत्य का बोध होने के बाद एकता के सूत्र में बंधा जा सकता है। इसी बोध के कारण ही भेदभाव की दीवारें गिरती हैं। जीवन प्रेममय और सुंदर हो जाता है।
मनीषीसंत ने आगे कहा मानवता का धर्म ही केवल मात्र एक सच्चा धर्म है। ऐसे में सभी धर्म देशों, धर्मों तथा संस्कृतियों को मानने वाले लोग एक साथ रह सकते हैं। सच्चा धर्म जोड़ता है, तोड़ता नहीं। इससे मानने वाले घट-घट में इसी एक का दर्शन करते हैं जिससे मन में भेदभाव, घृणा, द्वेष और हिंसा की भावना समाप्त हो जाती है। विश्व में सब लोग एक दूसरे का सुख दुख बांटने वाले हों और सब के मन में यही धारणा हो।