दीवाली के बाद षष्ठी तिथि से हो जाता है पर्व का आरंभ, 5 दिनों तक चलता है छठ महापर्व
Chhath Puja Samagri, (आज समाज), नई दिल्ली: दीवाली के बाद षष्ठी तिथि से छठ पर्व का आरंभ हो जाता है। जो पूरे 4 दिनों तक चलता है। जो नहाय खाय से शुरू होता है और उगते हुए सूर्य को जल देने के साथ इसका समापन होता है। इस बार छठ पर्व 25 अक्टूबर से शुरू हो रहा है।
ऐसे में पूजा और व्रत को विधि-विधान से पूरा करने के लिए जरूरी चीजों को होना आवश्यक होता है। पहले से ही सामग्री लिस्ट तैयार करके खरीदारी करने से व्रत और पूजा के दौरान किसी चीज की कमी नहीं पड़ेगी। तो आइए जानते हैं छठ पूजा की पूर्ण सामग्री लिस्ट।
छठ पूजा की सामग्री लिस्ट
- 5 पत्ते लगे हुए गन्ने
- 2 बांस की बड़ी टोकरियां
- 1 लोटा, थाली और चम्मच
- पानी वाला नारियल
- 1 गिलास, दूध और जल के लिए
केला - पान और सुपारी
- सुथनी
- शरीफा
- शकरकंदी
- हल्दी
- अदरक का हरा पौधा
- नाशपाती
- मूली
- डाभ नींबू
- सिंघाड़ा
- चावल
- गुड़
- मिठाई
- ठेकुआ
- चावल का आटा
- गेहूं
- शहद
- सिंदूर
- दीपक
- कलावा
- धूप
- फूल-माला
- कुमकुम
- नई साड़ी
छठी मईया को जरूर चढ़ाएं ये चीजें
ऐसी मान्यता है कि छठी मईया को कुछ चीजें चढ़ाने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, छठी मैया को चावल, चना, सिंदूर, मिठाई, सात प्रकार के फल, गुड़, घी का ठेकुआ और श्रृंगार का सामान जरूर चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने छठी मैया प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त हो सकता है।
छठ पूजा की शुरूआत
इस साल नहाय खाय के 25 अक्टूबर, शनिवार को रहेगा और इसी दिन से छठ पर्व का आरंभ हो जाएगा। पहले दिन महिलाएं नदी में स्नान करती हैं और सात्विक भोजन करती हैं। माना जाता है कि इससे व्रत करने की शक्ति प्राप्त होती है। नहाय खाय के अगले दिन खरना होता है जो इस बार 26 अक्टूबर, रविवार को रहेगा। खरना के दिन शाम के समय महिलाएं रोटी और गुड़ की खीर बनाती हैं। प्रसाद का भोग लगाने के बाद उसे खुद ग्रहण करती हैं और पूरे परिवार में बांटती हैं। खरना के दिन से ही 36 घंटे का कठिन व्रत शुरू हो जाता है।
28 अक्टूबर को होगा व्रत का समापन
खरना के अगले दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं अपने पूरे परिवार के साथ घाट पर जाती हैं और नदी, जल में खड़े होकर सूर्य को जल चढ़ाती हैं। साथ ही, घाट पर बैठकर महिलाएं छठी मैया के गीत गाती हैं और विधि-विधान से पूजा करती हैं। यह तिथि इस बार 27 अक्टूबर, सोमवार के दिन रहेगी।
इसके अगले दिन यानी छठ पर्व के अंतिम दिन पर सुबह-सुबह महिलाएं अपने परिवार के साथ घाट पर जाती हैं और उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाती हैं। इसी के साथ छठ के कठिन व्रत का समापन हो जाता है। फिर, महिलाएं सभी के प्रसाद बांटती हैं।
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