Bhiwani News : महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल बनीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह

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Bhiwani News : महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल बनीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह
विंग कमांडर व्योमिका सिंह।
  • बापोड़ा गांव की बहू ने बढ़ाया मान, पूरे भिवानी को किया गौरवान्वित

(Bhiwani News) भिवानी। भगवान ऐसी बहू-बेटी सबने दे। म्हारी बहू ने यो भी जता दिया कि म्हारी छोरियां भी छोरों तै किसी बात में कम ना। ये शब्द हैं 86 वर्षीय रामदेई देवी के, जो भारतीय वायुसेना की वीरांगना विंग कमांडर व्योमिका सिंह की ताई सास हैं। व्योमिका सिंह आज केवल अपने परिवार या गांव बापोड़ा की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की शान बन चुकी हैं। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान के भीतर घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की आधिकारिक जानकारी देश-दुनिया के सामने रखते हुए उन्होंने यह सिद्ध किया कि भारतीय महिलाएं हर मोर्चे पर अग्रणी हैं, चाहे वह रणभूमि हो या मीडिया का मंच।

गांव बापोड़ा, जो पहले ही मिजोरम के राज्यपाल एवं पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध है, अब एक बार फिर चर्चा में है और इस बार कारण हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह। व्योमिका ने अपने साहस, संयम और राष्ट्र प्रेम से महिला सशक्तिकरण की एक प्रेरणास्पद मिसाल पेश की है। व्योमिका की ननद सुमन और पूनम ने बताया कि जब उन्होंने टीवी पर अपनी भाभी को बोलते हुए देखा तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

परिवार में देशभक्ति रग-रग में बसी

रामदेई देवी की आंखों में चमक थी जब उन्होंने कहा कि हमारी बहू बेशक हमसे दूर है, पर उसका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है। परिवार के अन्य सदस्य डॉ. अशोक, ईश्वर सिंह, एडवोकेट रामौतार सभ्रवाल सभी गर्व से फूले नहीं समा रहे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में देशभक्ति रग-रग में बसी है। व्योमिका के पति दिनेश सभ्रवाल स्वयं वायुसेना में विंग कमांडर हैं, और परिवार के दस सदस्य सेना में सेवा दे चुके हैं। उनके देवर विकास सभ्रवाल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष हैं और दीपक सभ्रवाल हरियाणा सिविल सेवा में अधिकारी हैं।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। इस वीभत्स हमले के जवाब में भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए छह मई की रात ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। भारतीय सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के 100 किलोमीटर भीतर जाकर पाकिस्तान के नौ आतंकी अड्डों को नष्ट कर दिया।

देश की युवतियों को यह संदेश दिया कि अब समय आ गया है जब महिलाएं केवल घर की चौखट तक सीमित नहीं

इस साहसिक सैन्य कार्रवाई की जानकारी देशवासियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाली विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने। उनकी संवाददाता सम्मेलन में स्पष्टता, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया। उन्होंने विशेषकर देश की युवतियों को यह संदेश दिया कि अब समय आ गया है जब महिलाएं केवल घर की चौखट तक सीमित नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और गरिमा की रक्षा में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

बापोड़ा गांव, जिसे पहले से ही फौजियों का गांव कहा जाता है, अब महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी बन चुका है। गांव के बुजुर्ग से लेकर युवा तक, हर कोई व्योमिका के साहस से प्रेरणा ले रहा है। रामौतार सभ्रवाल कहते हैं, बापोड़ा का खून ही ऐसा है, जो देश के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता है। गांव की बहनों, बेटियों को अब व्योमिका जैसे आदर्श की आवश्यकता नहीं, बल्कि उनके रूप में एक जीवंत उदाहरण मिल चुका है। स्कूलों में पढ़ रही लड़कियां कह रही हैं, हम भी व्योमिका दीदी की तरह बनेंगी।

व्योमिका सिंह ने यह दिखा दिया कि ‘हिम्मत और हुनर’ किसी लिंग का मोहताज नहीं होता। एक ओर जहां उन्होंने सैन्य कार्रवाई की जानकारी देने जैसी गंभीर जिम्मेदारी संभाली, वहीं दूसरी ओर वह एक बहू, पत्नी, बेटी और आदर्श नागरिक की भूमिका भी बखूबी निभा रही हैं। उनकी यह बहुआयामी भूमिका आज की आधुनिक भारतीय नारी की परिभाषा बन चुकी है।

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