- गीता के उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक, जितने महाभारत काल में थे : चरणदास महाराज
(Bhiwani News) भिवानी। भगवान नरसिंह के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में युवा जागृति एवं जन कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा स्थानीय हनुमान ढ़ाणी स्थित हनुमान जोहड़ी मंदिर में चार दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार से किया गया। यह जानकारी देते हुए नरेश आहुजा एवं ओपी नंदवानी ने बताया कि चार दिवसीय गीता सत्संग में राष्ट्र भक्ति पर आधारित राष्ट्र अराधना, यज्ञ, योग एवं ध्यान कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसकी शुरूआत शुक्रवार से की गई। कार्यक्रम के आयोजन में जियो गीता एवं श्रीकृष्ण कृपा परिवार का विशेष सहयोग रहा।
इस दौरान भगवान से प्रार्थना की गई थी कि इन दिनों देश में जो हालात बने हुए है, उसमें भारतीय सेना व देश को किसी प्रकार का नुकसान ना हो। इस मौके पर ज्ञानानंद महाराज ने उपस्थित सभी लोगों से आह्वान किया कि वे अपने जीवन में गीता के उपदेशों को अपाते हुए धर्म एवं राष्ट्र के उहित में कार्य करें। उन्होंने कहा कि गीता के उपदेश हमे संदेश देते है कि हमे स्वार्थ की भावना को छोडक़र धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए तथा अपने अहम की लड़ाई ना लडक़र धर्म व देश की रक्षा के लिए हथियार उठाने चाहिए।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक शांति और सही निर्णय की क्षमता गीता के ज्ञान से ही संभव
उन्होंने युवाओं को विशेष रूप से गीता के अध्ययन की प्रेरणा देते हुए कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक शांति और सही निर्णय की क्षमता गीता के ज्ञान से ही संभव है। उन्होंने बताया कि गीता हमें निष्काम कर्म, आत्मसंयम और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देती है।
इस मौके पर बालयोगी महंत चरणदास महाराज ने कहा कि भगवान नरसिंह का अवतार हमें सिखाता है कि जब भी धर्म की रक्षा हेतु आवश्यकता होती है, ईश्वर स्वयं प्रकट होते हैं। गीता का यह संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना महाभारत के काल में था। उन्होंने सभी से अपील की कि वे न केवल गीता पढ़ें, बल्कि उसके सिद्धांतों को अपने व्यवहार में भी अपनाएं, तभी सच्चे अर्थों में हम धर्म और मानवता की सेवा कर सकेंगे।
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