Bhaiya Dooj Festival : श्रद्धा व धूमधाम से मनाया भाई दूज का त्यौहार

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Bhai Dooj festival celebrated with great devotion and fervor
भैया दूज पर भाई को तिलक करते हुए बहन।
  • भाइयों को तिलक लगा बहनों ने लंबी उम्र की कामना की, भाइयों ने बहनों को दिए उपहार

Jind News(आज समाज नेटवर्क) जींद। जिलाभर में वीरवार को को भाई दूज का पर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन बहन के द्वारा भाई की लंबी आयु की कामना की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीय के दिन ही यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुला कर सत्कार करके भोजन कराया था। इसीलिए इस त्योहार को यम द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है। तब यमराज ने प्रसन्न होकर उसे यह वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी दीर्घायु तथा अपने सुहाग की रक्षा के लिए हाथ जोड़ कर यमराज से प्रार्थना करती है।

यह त्यौहार समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करता है

इस दिन यमराज को तृप्त और प्रसन्न करने से पूजन करने वालों को मनोवांछित फल मिलता है। धन-धान्य, यश एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है। हालांकि तकनीकि युग में भाई-बहन वहाट्सअप व फेसबुक पर इस त्यौहार की बधाई देकर अपना काम चला देते हैं, मगर जो खुशी सामने बैठ कर तिलक लगाने में वह वहाट्सअप व फेसबुक में नहीं। यह त्यौहार समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करता है। देश को भी अपना परिवार समझ कर हमें मिल जुलकर भाईचारे से रहना चाहिए तभी देश प्रगति की राह की ओर अग्रसर होगा।

उचाना संवाददाता के अनुसार भाई दूज का पर्व क्षेत्र में हर्षोंल्लास से मनाया गया। बहनों ने भाई को तिलक करके लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने भी बहनों को उपहार भेंट किए। दिवाली के बाद भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। पुजारी पं. अशोक शर्मा ने कहा कि भाई दूज के महत्व के बारे में बताते हुए कहा इस दिन बहनें अपने भाइयों के मस्तक पर तिलक लगा कर उनकी सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती है। भाई दूज के अवसर पर यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया था कि जो भी भाई यम द्वितीया के दिन अपनी बहन से टीका लगवाएगा और बहन के हाथों से बना भोजन करेगा उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। ऐसी मान्यता है आज के दिन जो भाई-बहन मथुरा में यमुनाजी के विश्राम घाट पर स्नान करते हैं, उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।

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