
(Ambala News) अंबाला सिटी। पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के बाद एक बार फिर पाकिस्तान ने अपनी कायरता का परिचय देते हुए पुंछ जिले में निर्दोष नागरिकों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया है। इस हमले में ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साहिब पर भी गोलाबारी हुई, जिससे कई सिख श्रद्धालु शहीद हो गए और पूरे सिख समाज में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार सुदर्शन सिंह सहगल और कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य सरदार तरविंदर पाल सिंह ने इस नृशंस हमले की तीव्र निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान की आतंकी मानसिकता का घिनौना चेहरा बताया है।
दोनों सिख नेताओं ने कहा कि यह हमला महज़ सीमाई संघर्ष नहीं, बल्कि भारत के धार्मिक सहिष्णुता और सिख अस्मिता पर सीधा हमला है। गुरुद्वारा साहिब के पवित्र परिसर में गिरा गोला उस देश की विकृत सोच का प्रतीक है जो इंसानियत की तमाम हदें पार कर चुका है। उन्होंने कहा कि रागी भाई अमरीक सिंह, सेवानिवृत्त फौजी भाई अमरजीत सिंह और दुकानदार भाई रंजीत सिंह की शहादत का खून पाकिस्तान के हाथों पर है और इसका हिसाब सिख समाज कभी नहीं भूलेगा।
पाकिस्तान में आतंकवाद राष्ट्रीय प्रवृत्ति बना
सहगल और सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि यह 1947 का बंटवारे वाला भारत नहीं रहा। अब अगर धार्मिक स्थलों पर वार होगा तो जवाब केवल कड़ी निंदा नहीं, बल्कि निर्णायक प्रतिक्रिया होगी। पाकिस्तान द्वारा सिखों के पवित्र स्थलों को निशाना बनाना इस बात का प्रतीक है कि वहां आतंकवाद केवल नीति नहीं, उनकी राष्ट्रीय प्रवृत्ति बन चुका है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की है कि पाकिस्तान की इन कायराना हरकतों पर ठोस और निर्णायक नीति बनाई जाए। जम्मू-कश्मीर में मौजूद सिख धार्मिक स्थलों की विशेष सुरक्षा की जाए, और शहीदों के परिजनों को आर्थिक सहायता, नौकरी और सम्मानजनक पुनर्वास दिया जाए।
प्रबंधक कमेटी के दोनों नेताओं ने सिख संगठनों, गुरुद्वारों और देश भर के सिख समाज से आह्वान किया है कि वे इस हमले की एकजुट होकर खुली निंदा करें और शहीद परिवारों के साथ खड़े हों। यह केवल एक सीमाई हिंसा नहीं, बल्कि हमारी आस्था और इतिहास पर हमला है, जिसे सिख पंथ कभी सहन नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक सिख समाज न केवल देश के साथ खड़ा रहेगा, बल्कि हर मोर्चे पर इसका जवाब देने को तैयार है। उन्होंने अकाल तख्त साहिब और अन्य सर्वोच्च सिख संस्थाओं से भी आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे को वैश्विक स्तर पर उठाएं और पाकिस्तान को बेनकाब करें।
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