Ahmedabad Crash: विदेशी मीडिया की भ्रामक रिपोर्टिंग पर बिफरा भारतीय पायलट संघ

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Ahmedabad Crash
Ahmedabad Crash: विदेशी मीडिया की भ्रामक रिपोर्टिंग पर बिफरा भारतीय पायलट संघ
  • रॉयटर्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को भेजा कानूनी नोटिस

Indian Pilots Association On Foreign Reporting (आज समाज), नई दिल्ली: अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर विदेशी मीडिया की भ्रामक रिपोर्टिंग पर भारतीय पायलट संघ (FIP) बिफर गया है और उसने अंतरराष्ट्रीय समाचार संस्था रॉयटर्स (Reuters) व दुनिया के प्रमुख दैनिक न्यूजपेपर द वॉल स्ट्रीट जर्नल (The Wall Street Journal) को कानूनी नोटिस भेजा है। एफआईपी ने दोनों संस्थानों से भ्रामक रिर्पोटिंग के लिए माफी मांगने की मांग की है।

एफआईपी अध्यक्ष सीएस रंधावा

एफआईपी अध्यक्ष सीएस रंधावा ने कहा है कि उन्होंने फेडरेशन की ओर से रॉयटर्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को एक नोटिस भेजकर उनसे विमान हादसे पर गलत रिपोर्ट्स प्रसारित करने के लिए माफी मांगने को कहा है। ईमेल के जरिये भेजे नोटिस में एफआईपी ने कहा कि उसे पता चला है कि इंटरनेशनल मीडिया के कुछ वर्ग बार-बार असत्यापित और चुनिंदा रिपोर्टिंग के जरिये विमान दुर्घटना का निष्कर्ष निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

हादसे ने जनता को बहुत बड़ा सदमा पहुंचाया

भारतीय पायलट संघ ने कहा है कि विमान हादसे ने जनता को बहुत बड़ा सदमा पहुंचाया है और यह भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा को लेकर, विशेषतौर पर निराधार तथ्यों के आधार पर लोगों के बीच आक्रोश या किसी तरह की चिंता पैदा करने का यह समय नहीं है।

आधिकारिक पुष्टि के बिना प्रसारित न करें कोई सामग्री

एफआईपी ने नोटिस में कहा है कि कोई भी मीडिया संस्थान आधिकारिक पुष्टि व अंतिम रिपोर्ट के बिना ऐसी कोई सामग्री प्रसारित या प्रकाशित न करें जिसमें हादसे के कारणों पर कयास लगाए गए हों और मारे गए पायलटों को रिपोर्ट्स दोषी ठहराती हों। संघ ने कहा है कि ऐसी अटकलें लगाने वाली सूचनाओ का प्रकाशन बेहद गैर-जिम्मेदार है।

रॉयटर्स ने पायलट वर्ग का मनोबल गिराया

एफआईपी का कहना है कि रॉयटर्स ने विमान हादसे के शोक संतप्त परिवारों को बिना मतलब के संकट में डाला है और साथ ही इसने पायलट वर्ग का मनोबल गिराया है। वैसे भी पायलट वर्ग दबाव और सार्वजनिक जिम्मेदारी के तहत काम करता है। कानूनी नोटिस में रॉयटर्स से कहा गया है कि वह 17 जुलाई 2025 को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट की तुरंत समीक्षा करके इसमें संशोधन करें। इसमें कहा गया है कि इसमें एक उपयुक्त अस्वीकरण शामिल हो और ऐसी सामग्री को हटा दें जिसे दोष देने के रूप में समझा जा सकता है।

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