सूबे में दूध और दूध से बने उत्पादों में पाई जा रही है सबसे अधिक मिलावट, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आॅफ इंडिया की रिपोर्ट में हुए अहम खुलासे
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब की पहचान अपने खाने और पीने को लेकर है। लेकिन कुछ मुनाफाखोरो की वजह से अब खाने पीने की चीजों में ही केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि लोगों की जान से खिलवाड़ कर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके। लेकिन इसकी वजह से लोग जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ रहे है। पंजाब में बीते तीन साल में पनीर, दूध व इससे बने उत्पादों के 47 फीसदी सैंपल फेल हुए हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआई) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
पनीर के सैंपल हुए सबसे ज्याद फेल
रिपोर्ट के अनुसार तीन साल में पनीर और अन्य उत्पादों के 1915 सैंपल लिए गए जिनमें से 902 फेल पाए गए। वर्ष 2022-23 में 799 सैंपल लिए गए जिनमें से 417 फेल हुए और वर्ष 2023-24 में 585 सैंपल लिए जिनमें से 230 फेल पाए गए। 2024-25 में पनीर के साथ दूध के अन्य उत्पादों के 531 सैंपल टीमों ने लिए जिनमें से 255 में मिलावट सामने आई। एफएसएसएआई हर साल विशेष अभियान चलाकर यह सैंपल लेती है। इसमें सबसे ज्यादा फेल सैंपल पनीर के पाए गए। रिपोर्ट के अनुसार दूध व उससे बने उत्पादों में अधिक मिलावट हो रही है।
दूसरे राज्यों से भी आ रहे मिलावटी पदार्थ
पंजाब में तो दूसरे राज्यों से तैयार घटिया पनीर व अन्य पदार्थों की आपूर्ति होती है। रिपोर्ट के अनुसार पनीर के मानक खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम 2011 के अनुसार निर्धारित हैं और इसमें आमतौर पर स्टार्च और सुक्रोज से मिलावट की जा रही है। वहीं पडौसी सूबे हरियाणा में भी पनीर और दूध से बने बाकी उत्पादों में बड़े स्तर पर मिलावट चल रही है। हरियाणा में पिछले तीन साल में 1451 सैंपल लिए गए और इनमें से 529 जांच में खाने योग्य नहीं पाए गए। इसी तरह उत्तर प्रदेश में इस अवधि के दौरान 12,945 सैंपल लिए गए और इस दौरान 8299 फेल पाए गए।
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