2023 Manipur Violence: मणिपुर हिंसा व अन्य घटनाओं में अब तक 71 लोगों की मौत, अलग राज्य की मांग उठी

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2023 Manipur Violence
हिंसा के दौरान लगाई गई आग में जलती संपत्तियां।

Aaj Samaj (आज समाज), 2023 Manipur Violence, इंफाल: मणिपुर में हिंसा के बाद हालात अब भी पूरी तरह नहीं सुधरे हैं। स्थिति इस कद्र बेकाबू है कि आदिवासी कुकी विधायकों ने अलग राज्य की मांग कर दी है। मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि दस आदिवासी कुकी विधायकों का कहना है कि यह नेतृत्व परिवर्तन की बात नहीं है। उनके लोगों को मारा गया और उकने घरों को जला दिया या गया है, ऐसे में मैतेई समुदाय के साथ नहीं रहा जा सकता।

  • घरों को पर गिरा दिया और पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया है

हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित

कुलदीप सिंह ने बताया मणिपुर में मैतेई और कुकी के बीच संघर्ष के बाद हिंसा व अन्य घटनाओं अब तक 71 लोगों की मौत हो चुकी है। 41 लोगों की मौत हिंसा और अन्य 30 की मौत  अन्य घटनाओं में हुई है। इसी के साथ जातीय संघर्ष के दस दिन बाद हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं। लोगों के घरों को जमीन पर गिरा दिया और पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया, जो लोग हिंसा से बचने के लिए राजधानी इंफाल से भागे थे, उनके लिए यादें अभी भी दर्दनाक हैं।

कई लोगों के पास लौटने के लिए कोई जगह नहीं

बचे कई लोग जो अपने रिश्तेदारों क पास गुवाहाटी भाग गए हैं, उनका कहना है कि हिंसा के दौरान उनके घर नष्ट हो गए हैं और उनके पास लौटने के लिए कोई जगह नहीं है। उनमें से कुछ ने यह भी बताया कि प्रकाश के एकमात्र स्त्रोत के रूप में मोबाइल फोन, टार्च के साथ अपने घरों में खुद को बंद कर लिया।

दस आदिवासी कुकी विधायकों ने की अलग राज्य की मांग

दस आदिवासी कुकी विधायकों ने अलग राज्य की मांग कर दी है। लोगों को मारा गया, घरों को जलाया गया है, ऐसे में मैतेई के साथ नहीं रहा जा सकता। अलग राज्य की मांग करने वाले आदिवासी विधायकों ने कहा कि पहाड़ी आदिवासियों के खिलाफ की गई हिंसा ने मणिपुर राज्य में अलगाव की भावना प्रबल हुई है। विधायकों ने मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के लोगों को राज्य में आदिवासियों के खिलाफ बेरोकटोक हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया।

सरकार पर उपद्रवियों में शामिल होने का आरोप

विधायकों ने मणिपुर सरकार पर हिंसा में शामिल उपद्रवियों का ‘समर्थन’ करने का भी आरोप लगाया। आदिवासी विधायकों ने कहा कि मणिपुर राज्य हमारी रक्षा करने में बुरी तरह से विफल रहा है। ऐसे में हम भारत के संविधान के तहत एक अलग प्रशासन की मांग करते हैं। मणिपुर राज्य के साथ पड़ोसियों के रूप में शांति से रहना चाहते हैं।

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