Punjab Weather Today : पंजाब में तीन जून तक बारिश का येलो अलर्ट

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Punjab Weather Today : पंजाब में तीन जून तक बारिश का येलो अलर्ट
Punjab Weather Today : पंजाब में तीन जून तक बारिश का येलो अलर्ट

इस साल 25 जून से पहले पंजाब पहुंच सकता है मानसून

Punjab Weather Today (आज समाज), चंडीगढ़ : मानसून को लेकर इस साल देश में हालात पिछले सालों से बेहतर हैं। एक तरफ जहां केरल के तट से मानसून अपने तय से पहले पहुंच चुका है वहीं यह अभी तक सामान्य गति से आगे बढ़ रहा है। जिस गति से मानसून चल रहा है उससे उम्मीद लगाई जा रही है कि यह तय समय से पहले ही पूरे देश को कवर कर लेगा।

यदि ऐसा होता है तो उम्मीद जताई जा सकती है कि मानसून 25 जून से पहले पंजाब में प्रवेश कर लेगा। दूसरी तरफ पंजाब में नए सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा। आज, गुरुवार और शुक्रवार को पूरे राज्य में आॅरेंज और येलो अलर्ट जारी किए गए हैं। जबकि राज्य में 3 जून तक यलो अलर्ट जारी किया गया है।

इतनी गति से चल सकती हैं हवाएं

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज पंजाब के 6 जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला और होशियारपुर में आॅरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यहां 50-60 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और बारिश की भी संभावना है। जबकि पंजाब के अन्य सभी जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं होने के बाद तापमान लगातार बढ़ रहा है। बुधवार शाम को राज्य में औसत अधिकतम तापमान में 1.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है, हालांकि यह सामान्य के आसपास है। राज्य में सबसे अधिक अधिकतम तापमान बठिंडा में 43.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मालवा में बना हुआ है कम दबाव का क्षेत्र

पश्चिमी विक्षोभ के साथ-साथ साइक्लोनिक सकुर्लेशन भी पंजाब के मौसम में आए बदलाव के पीछे है। फिलहाल यह कम दबाव का क्षेत्र पंजाब के मालवा क्षेत्र में बना हुआ है। वहीं, दूसरी ओर इस समय पाकिस्तान के क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। यही वजह है कि पंजाब के बाद भी राज्य में बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं।

धान के लिए जरूरी है सामान्य बारिश

मौसम विभाग का कहना है कि इस वर्ष देश में समय से करीब एक सप्ताह पहले ही मानसून की एंट्री हो चुकी है। यही नहीं यदि मौसम की गतिविधियां सामान्य रहती हैं तो देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। यदि ऐसा रहता है तो धान के सीजन में पंजाब के किसानों को भूमिगत जल पर कम से कम निर्भर रहना पड़ेगा। सामान्य बारिश से जहां फसलों की पैदावार में वृद्धि होगी वहीं भूमिगत जल का लेवल भी बढ़ेगा जोकि सभी के लिए अच्छा रहेगा।

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